बिलासपुर

बिलासपुर के सेंट पलोटी स्कूल में धमाका, चौथी कक्षा की छात्रा झुलसी, पुलिस की लापरवाही उजागर…

बिलासपुर। मंगला चौक स्थित सेंट पलोटी स्कूल में शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा हुआ। स्कूल के बाथरूम में हुए तेज धमाके से चौथी कक्षा की एक छात्रा गंभीर रूप से झुलस गई। धमाके की आवाज सुनकर स्कूल में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में छात्रा को पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे बर्न एंड ट्रॉमा अस्पताल रेफर कर दिया गया। शुरुआती जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ—बाथरूम में सोडियम मेटल डाला गया था, जिससे विस्फोट हुआ।

स्कूल में बच्चों के हाथ केमिकल कैसे पहुंचा? : इस घटना ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्राथमिक जांच में सामने आया कि कुछ छात्राएं पिछले तीन दिनों से सोडियम मेटल लेकर स्कूल आ रही थीं और इसे बाथरूम में छिपाकर रख रही थीं। आखिर बच्चों को यह खतरनाक केमिकल मिला कहां से? स्कूल प्रबंधन और प्रशासन की घोर लापरवाही इस हादसे की मुख्य वजह मानी जा रही है।

पुलिस की निष्क्रियता से बढ़ी नाराजगी : सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि धमाके की सूचना के बावजूद पुलिस घटनास्थल पर समय पर नहीं पहुंची। थाना प्रभारी सुम्मतराम साहू अपने ऑफिस में बैठकर ही स्कूल प्रशासन से बातचीत करते रहे। जब स्कूल प्रबंधन ने दो लोगों को आवेदन के साथ थाने भेजा, तब भी पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। इस लापरवाही से गुस्साए अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन और पुलिस पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

विशेषज्ञों की राय-खतरनाक है सोडियम मेटल : सीएमडी कॉलेज के रसायनशास्त्र विभाग की प्रोफेसर डॉ. हर्षा शर्मा ने बताया कि सोडियम अत्यधिक प्रतिक्रियाशील धातु है। यह पानी के संपर्क में आते ही तीव्र विस्फोट कर सकता है, जिससे आग भी लग सकती है। इसे सामान्य परिस्थितियों में नहीं रखा जाता। प्रश्न यह उठता है कि इतनी खतरनाक धातु बच्चों के हाथ में कैसे आई?

पुलिस की लेट लतीफी के बाद जागी जांच एजेंसियां : घटना के कई घंटे बाद जब सीएसपी निमितेष सिंह ने फोरेंसिक टीम को भेजा, तब जाकर पुलिस हरकत में आई। अब पुलिस छात्राओं से पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि यह केमिकल कहां से आया।

अभिभावकों की मांग-सख्त कार्रवाई हो : इस घटना के बाद अभिभावकों में भारी आक्रोश है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। अगर यह केमिकल प्रयोगशाला से नहीं आया, तो फिर यह बच्चों के हाथों में कैसे पहुंचा? क्या स्कूल में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है? इस पूरे मामले ने शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा को लेकर एक गंभीर बहस छेड़ दी है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में क्या खुलासा होता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।

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