रायपुर

बिरीमडेगा में राशन लूट पर खाद्य अधिकारी और कलेक्टर खामोश! क्या प्रशासन खुद घोटाले में शामिल है?…

जशपुर। पत्थलगांव विकासखंड के बिरीमडेगा गांव में सरकारी राशन घोटाले की गूंज अब सिर्फ गांव तक सीमित नहीं रही। लाखों रुपये के खाद्यान्न वितरण में की गई गड़बड़ी पर गांववालों ने सीधे कलेक्टर और खाद्य अधिकारी को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

सवाल उठता है – जब शासन का आदेश स्पष्ट था, तो कलेक्टर और खाद्य विभाग के अफसरों ने आंखें क्यों मूंद लीं?

तीन महीने का फिंगर स्कैन, एक महीने का राशन – खाद्य अधिकारी की मिलीभगत या नाकामी?

शासकीय उचित मूल्य दुकान क्रमांक 562008081 के विक्रेता राजेश्वर यादव द्वारा जून-जुलाई-अगस्त का राशन न बांटने की शिकायत जब ग्रामीणों ने की, तब यह खुलासा हुआ कि राशन वितरण में भारी घोटाला हो रहा है।
e-PoS मशीन से तीन माह की हाजिरी ली गई लेकिन राशन सिर्फ एक महीने का दिया गया।

अब खाद्य अधिकारी, जशपुर से यह सवाल पूछा जाना चाहिए –
🔹 क्‍या उन्होंने इस दुकान का निरीक्षण कभी किया?
🔹 क्या उनके रिकॉर्ड में तीन माह का वितरण दर्ज है?
🔹 अगर हां, तो यह स्पष्ट घोटाले की पुष्टि है – और वो खुद दोषी हैं।
🔹 और अगर नहीं किया, तो यह लापरवाही भी दंडनीय है।

कलेक्टर साहब किसके दबाव में हैं? कार्रवाई क्यों नहीं?

जब ग्रामीणों ने बाकायदा आवेदन देकर शिकायत की, तो कलेक्टर जशपुर ने अब तक क्या कदम उठाए?
📍 क्या घोटालेबाज राशन दुकानदार को नोटिस भेजा गया?
📍 क्या बिरीमडेगा की शासकीय उचित मूल्य दुकान को सील किया गया?
📍 क्या पीड़ित हितग्राहियों से बयान लिए गए?

या फिर पूरा मामला रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया, क्योंकि “राशन चोर” किसी राजनैतिक संरक्षण में है?


खाद्य अधिकारी और कलेक्टर की चुप्पी शर्मनाक – क्या गरीबों की भूख इन्हें नजर नहीं आती?

प्रदेश में “चावल उत्सव” का ढोल पीटा जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि चावल लूट उत्सव मनाया जा रहा है – और खाद्य विभाग आंखें बंद किए बैठा है।

जब शासन का आदेश है कि जून से अगस्त तक का चावल एकमुश्त दिया जाए, तो उसके पालन पर निगरानी क्यों नहीं रखी जा रही?

क्या कलेक्टर कार्यालय में बैठे अधिकारी सिर्फ चाय पीने और फाइलें सरकाने के लिए हैं?


अब जनता पूछ रही है : 

❗ “कलेक्टर साहब, आप कब जागेंगे?”
❗ “खाद्य अधिकारी, आपने अब तक कितने राशन दुकानों का औचक निरीक्षण किया?”
❗ “क्या बिरीमडेगा की दुकान पर घोटाले का प्रमाण सामने आने के बाद भी आप दोषियों को बचा रहे हैं?”
❗ “या फिर आप भी इस पूरे खेल के ‘शेयरहोल्डर’ हैं?”

अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो…

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों को बर्खास्त कर जेल नहीं भेजा गया, तो जिला मुख्यालय पर धरना, ग्रामसभा में प्रस्ताव, और जन आंदोलन होगा।

“हम भूखे रह सकते हैं, लेकिन अन्याय को सहन नहीं करेंगे,” – ये ललकार अब गांव-गांव से उठ रही है।


राशन चोरों के साथ प्रशासन भी कठघरे में – अब नहीं रुकेगा सवालों का सिलसिला!

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