बालोद : वन विभाग में नौकरी के नाम पर ठगी, थाने में शिकायत दर्ज फिर भी प्रताड़ित शिक्षक ने दी जान; जाने क्या है पूरा मामला…
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले के डौंडी थानांतर्गत ग्राम ओडगांव प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक देवेंद्र कुमार ठाकुर (57 वर्ष) ने मंगलवार को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला वन विभाग में वनरक्षक और भृत्य की नौकरी लगवाने के नाम पर 23 लाख की धोखाधड़ी से जुड़ा है।
मृतक ने 23 लाख की धोखाधड़ी से संबंधित मामले पर 14 अगस्त को डौंडी थाने में आवेदन जमा किया था। इसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि रकम गरियाबंद निवासी मदार खान को दी गई है।पुलिस को आत्महत्या विषयक नोट मिला है। इसमें मौत के लिए हरेंद्र नेताम, मदार खान उर्फ सलीम खान, प्रदीप ठाकुर एवं पूर्व वनमंत्री अकबर को जिम्मेदार बताया गया है।
पुलिस की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल: शिकायतकर्ता प्रधानपाठक देवेंद्र कुमार ठाकुर ने जब 14 अगस्त को डौंडी थाने में शिकायत दी थी और 25 अगस्त को पैसे लौटाने की बार कही गई थी। लेकिन अचानक शिकायतकर्ता द्वारा आत्महत्या का कदम उठाना समझ से परे है। वही डौंडी पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के कारण ऐसी घटना घटित हो गई। गांव व आसपास के लोगो का कहना है कि प्रधानपाठक देवेंद्र कुमार ठाकुर बहुत अच्छे व्यक्तित्व के इंसान थे। वे ऐसा घातक कदम उठाएंगे हो नही सकता। वही कुछ ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में डौंडी पुलिस की निष्क्रियता से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे गंभीर मामले में 21 दिन तक डौंडी पुलिस क्या कर रही थी??…
ग्रामीणों का दावा-पीड़ितों की संख्या बढ़ेगी : पुलिस को मिले सुसाइड नोट में मृतक ने अपनी मौत का जिम्मेदार चार लोगों को ठहराया है। नोट में लिलाराम कोर्राम को संबोधित करते लिखा है कि नौकरी के नाम पर ठगे गए पैसे को अब तुम दिलाओगे। ग्रामीणों की मानें तो यदि पुलिस द्वारा निष्पक्षता से जांच की गई और मामले को राजनीतिक दबाव में ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास नहीं किया गया तो पीड़ित लोगों की संख्या और ठगी की रकम बढ़ सकती है।
पूर्व वन मंत्री, अकबर का कहना है कि सुसाइड नोट में जो भी आप नाम बता रहे हैं। मैं किसी को भी नहीं जानता हूं। इनसे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
बालोद एसपी एसआर भगत का कहना है कि सुसाइड नोट के आधार पर जांच कराई जा रही है। इसमें जो तथ्य सामने आएंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी।