बालोद जिले में गणतंत्र दिवस पर तिरंगे के सम्मान में लापरवाही: राष्ट्रीय ध्वज संहिता का उल्लंघन…
रिपोर्ट: फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। देशभर में 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। परंतु, बालोद जिले से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में चूक करते हुए तिरंगे को निर्धारित समय के बाद भी फहराया गया। यह घटना न केवल राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन भी है।
क्या है मामला?
- जिले के प्रतिष्ठित स्थानों जैसे एसबीआई बालोद शाखा और संस्कार शाला में तिरंगे को सूरज डूबने के बाद भी फहराया गया।
● एसबीआई बालोद शाखा: यहां तिरंगा शाम 5:40 बजे तक फहरता रहा।
● संस्कार शाला: यहां तिरंगे को 6:12 बजे तक उतारा नहीं गया।
यह समय सीमा राष्ट्रीय ध्वज संहिता के नियम 2.2 का उल्लंघन है, जिसके अनुसार तिरंगे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता के अनुसार :
- तिरंगा केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जा सकता है।
- सूरज डूबने से पहले इसे ससम्मान उतारना अनिवार्य है।
- ध्वज को कभी भी ऐसी स्थिति में नहीं छोड़ा जाना चाहिए, जिससे उसकी गरिमा कम हो।
राष्ट्रीय गौरव को ठेस : इस घटना ने राष्ट्रीय ध्वज के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तिरंगे का सम्मान हर नागरिक और संस्थान का कर्तव्य है। इस प्रकार की लापरवाही से न केवल राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा प्रभावित होती है, बल्कि देशवासियों की भावनाएं भी आहत होती हैं।
प्रशासन की जिम्मेदारी और कार्यवाही की मांग : बालोद जिले में हुई इस चूक पर अब यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस मामले पर सख्त कदम उठाएगा?
- स्थानीय प्रशासन: जिम्मेदार अधिकारियों से जवाबदेही तय करे।
- जागरूकता अभियान: संस्थानों को ध्वज संहिता के नियमों के प्रति शिक्षित किया जाए।
- दंडात्मक कार्रवाई: भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
भविष्य की दिशा : राष्ट्रीय पर्वों पर ध्वज को सही तरीके से फहराना और उतारना हर नागरिक का दायित्व है। बालोद की यह घटना हमें सतर्क होने का संदेश देती है। प्रशासन, संस्थानों और नागरिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तिरंगे का सम्मान हर परिस्थिति में बरकरार रहे।
राष्ट्रीय ध्वज हमारी पहचान है, इसका अपमान अस्वीकार्य है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न दोहराई जाए।