रायगढ़

बायपास पर मौत का तांडव ! अज्ञात रफ्तार के कहर ने 20 वर्षीय किशन की ज़िंदगी छीनी, साथी मौके से फरार – पुलिस जांच के घेरे में हादसे की हकीकत…

रायगढ़। जिले के घरघोड़ा क्षेत्र में बीती रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ। एनटीपीसी कंचनपुर गेट के समीप बायपास पर एक अज्ञात तेज़ रफ्तार वाहन ने बाइक सवार तीन युवकों को टक्कर मार दी, जिससे एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके दो साथी हादसे के तुरंत बाद फरार हो गए।

मृतक युवक की पहचान किशन यादव (20) के रूप में : प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक युवक का नाम किशन यादव, पिता जुगनू यादव, उम्र 20 वर्ष, निवासी हमालपारा, खरसिया (हाल निवास – वार्ड क्रमांक 2, घरघोड़ा) है। किशन अपने दोस्तों अजय भट्ट और शुभम केंवट (दोनों निवासी खरसिया) के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर छाल रोड से होते हुए कंचनपुर बायपास होते हुए घरघोड़ा लौट रहा था। रात लगभग 11 बजे, एनटीपीसी कंचनपुर गेट के पास एक अज्ञात तेज़ रफ्तार वाहन ने उनकी बाइक को जबरदस्त टक्कर मार दी।

टक्कर के बाद किशन गंभीर रूप से घायल, साथी छोड़कर भागे : हादसे के बाद किशन को गंभीर चोटें आईं और वह सड़क पर तड़पता रहा। हैरानी की बात यह रही कि उसके दोनों साथी घटनास्थल से बिना किसी मदद के भाग निकले, जिससे दुर्घटना की परिस्थिति और अधिक संदिग्ध हो गई है।

112 की टीम ने पहुंचाया अस्पताल, डॉक्टरों ने मृत घोषित किया : घटना की सूचना पर डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और किशन को घायल अवस्था में घरघोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर परिजनों के पहुंचने के बाद घरघोड़ा पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

हादसे पर पुलिस का बयान : घरघोड़ा थाना के सहायक उपनिरीक्षक (एसआई) खेमराज पटेल ने बताया कि, “प्रथम दृष्टया यह एक सड़क दुर्घटना प्रतीत होती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के उपरांत ही वास्तविक कारण स्पष्ट होंगे।”

फरार साथियों से नहीं हुई पूछताछ – क्या छुपा है कुछ? :किशन के दोनों साथियों का घटना के तुरंत बाद भाग जाना संदेह पैदा करता है।

  • हादसे के समय वे कहां थे?
  • क्या वे भी घायल हुए या बच गए?
  • उन्होंने मदद क्यों नहीं की?
  • क्या टक्कर से पहले किसी तरह का विवाद हुआ?

बायपास पर सुरक्षा के इंतज़ाम नदारद, जनता में आक्रोश : स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कंचनपुर बायपास पर न तो स्पीड ब्रेकर हैं, न सीसीटीवी कैमरे, और न ही पुलिस गश्त की कोई व्यवस्था। यह मार्ग दुर्घटनाओं का केंद्र बनता जा रहा है, लेकिन प्रशासन मौन है।

बीस वर्षीय किशन, जो हंसता-खेलता युवा था, अब सिर्फ एक खबर बनकर रह गया है। परिजन और आम नागरिक पूछ रहे हैं – “क्या यही विकास है, जहां सड़कें मौत की राह बन चुकी हैं और जिम्मेदार तंत्र आंखें मूंदे बैठा है?”

जनता की मांग :

  • दुर्घटना की निष्पक्ष जांच हो
  • किशन के साथियों से पूछताछ कर सच्चाई सामने लाई जाए
  • बायपास मार्ग पर गति नियंत्रक यंत्र, सीसीटीवी और गश्त की व्यवस्था की जाए
  • पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और न्याय दिया जाए

यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता और लचर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाली घटना है।
अब देखना है – क्या पुलिस सच्चाई तक पहुंचती है या किशन की मौत भी फाइलों में दफ्न कर दी जाएगी?

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