जशपुर

पत्थलगांव : मुख्यमंत्री के गृह जिले में पर्व पर खाद्य पदार्थों की जांच को लेकर विभाग के कानों में नहीं रेंग रही जूं , स्वास्थ्य पर पड़ रहा विपरीत प्रभाव…

◆ होटल,रेस्टोरेंट एवं दुकानों में बिक रही मिठाइयों एवं खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल…

पत्थलगांव। अजित गुप्ता :  शारदीय नवरात्र पर्व प्रदेश सहित मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृहजिले में धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिसे लेकर जिले के होटलों एवं रेस्टोरेंटों में प्रसाद वितरण के लिए मिठाइयों की बिक्री की जाती है। इन मिठाइयों की शुद्धता एवं गुणवत्ता पर लोगों द्वारा कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि होटलों में बनने वाली बेसन, खोवे , नमकीन सहित मिठाइयों में मिलावट कर क्वालिटी गिरा दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों देश के तिरुपति बाला जी मंदिर समेत कई मंदिरों में प्रसाद में मिलावट को लेकर समाचारों के माध्यम से तरह तरह की बातें सामने आ रही है। इसके बावजूद नवरात्र के दिनों में लोगों की आस्था पर चोट ना पहुंचे उसे लेकर विभाग पूरी तरह बेपरवाह हो चुका एवं कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।

जिले की खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की टीम होटलों एवं रेस्टोरेंट का निरीक्षण कर मिठाइयों की शुद्धता एवं स्थानों के स्वच्छता की जांच करने में पिछड़ने लगी है। हालांकि आम नागरिकों की सेहत पर किसी प्रकार का प्रभाव न पड़े एवं लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ ना हो सके इन बातों को ध्यान में रखते हुए समय समय पर खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा होटलों में छापेमारी की कार्रवाई की जा चुकी है।ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष नवरात्रि पर्व के दौरान खाद्य सुरक्षा औषधि विभाग की टीम द्वारा होटलों एवं रेस्टोरेंट में बन रहे खाद्य सामग्रियों की स्वच्छता और गुणवत्ता के जांच हेतु निरीक्षण किया जाता है, होटलों में खाद्य मानकों का पालन किस प्रकार किया जा रहा इसकी विभाग द्वारा जांच की जाती है।

वहीं सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक शहर में कई ऐसे दुकानें हैं जिनमे महीनों से भी अधिक समय तक की मिठाइयों को रख कर बेचा जा रहा है। प्रतिवर्ष लोग नवरात्रि पर्व के दौरान 9 दिनों तक उपवास रखते हैं। वहीं प्रसाद में भी अधिकांश जगहों पर फलों का वितरण किया जाता है। मगर पंडालों में बंटने वाले प्रसाद की गुणवत्ता का अंदाजा हर कोई नही लगा सकता जिसे खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग होटलों में स्वास्थ्य और सुरक्षा की जांच करता है ताकि ग्राहकों को सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य पदार्थ मिल सके।

आपको बता दें कि निरीक्षण के दौरान विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों के लिए उपयोग किए जाने वाले तेल और मसालों की गुणवत्ता,कर्मचारियों के स्वच्छता और स्वास्थ्य,होटल की स्वच्छता और सफाई, ग्राहकों को खाद्य पदार्थों को परोसने की व्यवस्था पर होटल रेस्टोरेंट या दुकान संचालकों द्वारा विशेष ध्यान दिया जाना अनिवार्य है। एवं होटल नियमों का उल्लंघन किए जाने पर है खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है।

वहीं लोगों का कहना है कि कई दुकानों एवं सड़कों किनारे ठेलों पर गंदगी का आलम छाया हुआ है। यहां ग्राहकों द्वारा पेट पूजा के बाद स्वच्छता का ध्यान न रखते हुए दोना पत्तलों को अत्र तत्र फेंक दिया जा रहा है। जिसमे मक्खियों के भिनभिनाने से बीमारियों का खतरा बना होता है। इनका कहना है कि खुले में बिक्री किए जा रहे मोमोज,छोले-भटूरे, फ्राइड राइस व अन्य खाद्य पदार्थ खाने से लोगो के बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बनी हुई है एवं इस प्रकार के दुकानदारों पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।

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