पत्थलगांव : आत्मानन्द स्कूल बना राजनीतिक अखाड़ा, कैसे बनेगा बच्चों का भविष्य, पूर्व व्यायाम शिक्षक तबादले के बाद भी करा रहे राजनीति…
पत्थलगांव। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ड्रीम प्रोजेक्ट आत्मानन्द स्कूल में इन दिनों जमकर अंदरूनी राजनीति जारी है जी हां और राजनीति किसी पार्टी की नही चल रही बल्कि यहां पदस्थ कुछ शिक्षक जो शिक्षाकर्मी हैं जो राजनीति करने से बाज नही आ रहे हैं ।
चाहे स्कूल में गरीब विद्यार्थियों के दाखिला का मामला हो या प्राचार्यों के बीच अधिकारों का सभी मामलों में इनकी गुस्ताखी कम नही हो रही है यही वजह है कि नियमों को दरकिनार करते हुए स्कूल में एडमिशन के लिए परीक्षा आयोजित करवा दी गई जिसका विरोध भी हुआ बात यहीं नही रुक रही विवादों से नाता रखने वाले हिंदी मीडियम के व्यायाम शिक्षक जो मामले में दखल दे रहे थे उनको इस स्कूल से हटा दिया गया है लेकिन फिर भी वे दूर से ही सही स्कूल में राजनीति करने से अब भी बाज नही आ रहे हैं जो संगठनों से ज्ञापन सौंपवाकर स्कूल को राजनीति का अखाड़ा बनाने में लगे हुए हैं दअरसल अब मामला दो प्राचार्यों के प्रभार से जुड़ा है जहां एक ओर स्कूल में पूर्व से पदस्थ सीनियर प्राचार्य एस मिंज यहां हैं तो दूसरी ओर आत्मानन्द अंग्रेजी स्कूल में तनु ठाकुर जो शिक्षक पंचायत हैं यानि पूर्व की शिक्षाकर्मी उन्हें इतने बड़े स्कूल का प्राचार्य बना दिया गया है जो कहीं से भी सही नही है इतने बड़े विद्यालय में प्राचार्य जैसा पद एक शिक्षक पंचायत को देना पूर्णतः गलत है ।
कहा जाता है जहां शहद होता है वहीं पर मधुमक्खी आती है यह कहावत पूर्णतः चरितार्थ होती है विद्यालय के पूर्व व्यायाम शिक्षक जिनका वर्तमान पदस्थापना शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तमता है शासन के नियमानुसार संलग्न करण समाप्त है उसे मूलतः तमता भेजा जाना था किंतु घरजियाबथान भेजा गया वहां कार्यभार तो ग्रहण किया गया पर उनकी स्थिति बार-बार पत्थलगांव वापसी के लिए लगा हुआ है जहां पत्थलगांव रहने से भी राजनीति करना वहां पर स्थापना के बाद भी राजनीति करना एवं संगठनों का उपयोग करते हुए शयहां पुनः व्यायाम शिक्षक के रूप में पदस्थ हो इस कार्य के लिए राजनीतिक रंग देना पेपरों में बार-बार समाचार के माध्यम से संस्था को धूमिल करना जबकि इस प्रकार के कृत्य इस संस्था में हुए ही नहीं है पृष्ठभूमि में रहकर पुनः वापसी का जुगाड़ तंत्र लगाना शुरू से ही यह विवादों से इनका का नाता रहा ताकि यहां अपना राज चला सके ।
कभी समाचारों में व्याख्याता पंचायत कनिष्ठ को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय का प्राचार्य आत्मानंद के पात्रता के अनुसार एवं कनिष्ठ को बनाए जाने से यह विवाद की स्थिति है बार-बार उत्पन्न हो रहे हैं व्याख्याता एलबी प्रभारी प्राचार्य वाणिज्य विषय से एवं कनिष्ठ व्याख्याता है जो अंग्रेजी की प्राचार्य के अनुरूप नहीं है जिला शिक्षा अधिकारी महोदय को क्या मालूम है उसके पश्चात भी ऐसा लगता है कि स्वयं विभागीय अधिकारी स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल पत्थलगांव जो कि माननीय संवेदनशील मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसमें बट्टा लगाने में लगे और ऐसे लोगों को प्रश्रय दे रहे हैं जशपुर जिले में अन्य विकास खंडों में वरिष्ठ प्राचार्य या वरिष्ठ व्याख्याता जो विषय से संबंधित हैं का संचालन कर रहे हैं किंतु पत्थलगांव में जिला शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा भेदभाव और असमानता की नीति अपनाई जा रही है जशपुर जिले में और कहीं प्रभार प्रति नियुक्ति वाले को नहीं दी गई है किंतु यहां बार-बार कारण बताओ नोटिस और प्रभार देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है जो समझ से परे है एक अधिकारी को न्याय प्रिय होना चाहिए।
वर्तमान में यहां उक्त विद्यालय के लिए 22 शिक्षक आ चुके हैं संलग्न शिक्षकों को शासन के निर्देशानुसार जिन विद्यालयों के हैं उन्हें वापस कर देना चाहिए क्योंकि जहां जहां से आए हैं वहां की पढ़ाई प्रभावित हो रही है स्वामी आत्मानंद में इस प्रकार पूर्व व्यायाम शिक्षक द्वारा बच्चों से हमेशा अरे अबे की भाषा बोली जाती है स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय के बच्चे कहां से संस्कारवान होंगे ??