पटवारियो का ट्रांसफर के बाद अब बाबुओं का ट्रांसफर….?
जशपुर कलेक्टर डॉ रवि मित्तल की पहल ने जशपुर जिले को नई पहचान दी है । वहीं 15 साल से ऊपर एक ही तहसील में रह रहे सभी पटवारी का ट्रांसफर प्रशासनिक दृष्टिकोण को देखते हुए सभी का तबादला एक तहसील से दूसरे तहसील पर किया गया , सभी पटवारियों को कार्य करने का मौका अलग-अलग जगह पर दिया गया है । यहां पर जनता को जो भी आय दिन परेशानी होती थी अब उसमें भी अच्छा काम हो इसलिए इन्हे एक से दूसरी जगह मौका दीया गया । कलेक्टर डॉ मित्तल के प्रशासनिक दृष्टिकोण को देखते हुए जो पटवारी के तबादले सैकड़ो की संख्या से भी ज्यादा एक दूसरे तहसील में किए गए उसके बाद भी सभी पटवारी ने अपनी अपनी जोइनिंग देते हुए सादगी पूर्वक कार्यभार ग्रहण किया ।
लेकिन प्रशासन ने प्रशासनिक कामकाज देखते हुए पटवारी का जो ट्रांसफर एक दूसरी जगह किया है उसमें ग्रामीणों की समस्या का निदान तो हो ही रहा है लेकिन इन पटवारियों का तबादला बड़े पैमाने पर करने के बाद डेरा जमाए एक ही तहसीलों में बैठे बाबू पर प्रशासन की नजर नहीं जा रही है। पत्थलगांव तहसील में बसे कई वर्षों से ऊपर जो बाबू बैठे हुए हैं समझ नहीं आता कि प्रशासन की नजर इस ओर क्यों नहीं जाती , क्या इन्हें प्रशासनिक बड़े अधिकारी या फिर राजनेताओं का आशीर्वाद मिला है जो ये एक ही जगह में डेरा जमाए बैठे हैं । पत्थलगांव ही नहीं बल्कि पूरे जिले भर के चाहे वह कासाबेल, कुनकुरी, फरसाबहार के ही तहसील क्यों ना हो जहां पर 15 साल से कई बाबू जो अपना डेरा जमाए बैठे हैं जिनका ना तो ट्रांसफर होने का नाम हो रहा है और ना ही प्रशासनिक नजर इनके ऊपर जा रही है । यदि इनका ट्रांसफर नहीं होता है तो निश्चित ही जिस हिसाब से लेवी का काम हो रहा है वो और भी फलेगा फूलेगा और जहां पर लोगों को जमीन से संबंधी काम कम पैसा में होता था अब वही काम इन बाबुओं के द्वारा मोटी रकम लिया जाता है , माना जा रहा है कि पटवारी के बड़े ट्रांसफर को देखने के बाद जिस तरह से सभी पटवारियों ने शालीनता व सरलता पूर्वक अपने अपने हल्के में कार्यभार संभाले एवं जमीन से संबंधी ग्रामीणों के कार्य को करने में जुड़ गए हैं लेकिन प्रशासन की नजर यदि इन बाबू पर जाति है तो निश्चित ही इनका भी तबादला होता जो अब ग्रामीणों की सुविधा के अनुसार जरूरी है । कई वर्षों से डेरा जमाए बैठे एक ही जगह और बैठे-बैठे ग्रामीणों के खजाने को खाली करने वाले बाबू के खिलाफ अब देखना है कि प्रशासन द्वारा इन तहसील के बाबुओं का तबादला होता है या नहीं , यह आने वाला वक्त ही बताएगा ।