पंडो जनजाति के दो युवकों पर जानलेवा हमला, एक ने भागकर बचाई जान, तो दूसरा अब तक लापता…
◆ अपडेट : पांच दिन से लापता पंडो की जंगल में मिली लाश, पुलिस को गुमराह करने साथी पंडो ने बताई थी अलग कहानी…
बलरामपुर। जिले के वाड्रफनगर पुलिस चौकी क्षेत्र में पंडो जनजाति के दो युवकों पर जानलेवा हमला का मामला सामने आया है। घटना 5 दिन पहले की है, जब दो युवक अपने घर से निकले थे। तभी अज्ञात हमलावरों उन पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों के हमले से बचकर एक युवक भागकर घर वापस लौट आया और वहीं दूसरा युवक अब तक लापता है।
मामले की शिकायत के बाद पुलिस लापता युवक की तलाश में जुट गई है। यह पूरा मामला ग्राम पंचायत कोटराही का है।
जानकारी के अनुसार, महुआरीपारा गांव निवासी पंडो जनजाति के दो युवक देवलाल और विक्रम 16 अक्टूबर को वाड्रफनगर रामलखन के घर आए थे। वहां से दोनों कोटराही अपनी चाची के घर गए हुए थे। वहां से दोनों रात 10.00 बजे पैदल वापस घर आ रहे थे,तभी कोटराही घटोरिया के पास 4 अज्ञात बाइक सवार आए और जान से मारने की धमकी देते हुए मारपीट करने लगे। तब देवलाल और विक्रम वहां से जान बचाकर भागे। विक्रम जंगल की ओर भाग गया और देवलाल वाड्रफनगर की ओर जान बचाते भागा और वापस वाड्रफनगर रामलखन के घर आया। वह बुरी तरह से जख्मी हो गया और अपने घर पहुंचकर चुपचाप पड़ा हुआ था, वह अपना इलाज भी नहीं करवा रहा था।
वहीं विक्रम के लापता होने पर उसके परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। लापता विक्रम के परिजन दो दिन बाद जब उसके साथी देवलाल के घर पहुंचे तो उससे पूछा की वह तुम्हारे साथ घूमने निकला था वो कहां है जिसके बाद उसने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद परिजन घायल विक्रम के साथ 18 अक्टूबर को पुलिस चौकी पहुंचे और मामले में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है और उसकी खोजबीन शुरू कर दी है।
पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर रमनलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला पुलिस की संज्ञान में आया है जो व्यक्ति वापस लौट कर आया है उससे पूछताछ की जा रही है। क्योंकि घटना के बाद वह कुछ भी बताने में सक्षम नहीं है। इसके बावजूद भी पुलिस बारीकी से जांच में लगी हुई है।
अपडेट : पुलिस के बताए अनुसार, देवलाल पंडो और मृतक विक्रम पंडो कोटराही गांव से बकरा चोरी कर 16 अक्टूबर की रात को जंगल के रास्ते आ रहे थे। इसी दौरान शिकार के लिए बिछाए गए विद्युत तार की चपेट में आने से विक्रम पंडो और चोरी के बकरे की मौके पर मौत हो गई। वहीं तार की चपेट में आने से घायल देवलाल किसी तरह से घर पहुंचने में कामयाब रहा। दो दिनों तक विक्रम के घर नहीं पहुंचने पर उसके परिजन पूछताछ करने जब विक्रम के पास पहुंचे तो उसने गुमराह करने के लिए अज्ञात हमलावरों के मारपीट करने की कहानी गढ़ डाली और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते समय इसी कहानी को दोहरा दिया।
लेकिन कहानी का सिर-पैर नहीं होने की वजह से ज्यादा देर टिक नहीं पाई और हकीकत सामने आ गई। पुलिस अब जंगल से विक्रम का शव बरामद करने के बाद घटना की तह तक पहुंचने के लिए पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।