नगरीय निकाय मंत्री साव के विभाग में चल रहा भ्रष्ट अफसरों को बचाने का खेल…
◆ विभागीय जांच में दोषी अफसर को बनाया जोन कमिश्नर ; सुनियोजित खेल की चर्चा राजधानी तक…
छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय का एक बड़ा कारनामा सामने आया है।भ्रष्टाचार के खेल में शामिल लोगों को बचाने का खेल सत्ता में बैठे लोग व उच्च अफसर कर रहे है।जांच के बाद कार्रवाई करने की बजाय नई जगह में पोस्टिंग देना लोगो को समझ मे नही आ रहा है। आखिर सूबे की सरकार की छवि को धूमिल करने की पीछे किसका हाँथ है। निकाय चुनाव में भाजपा को निपटाने के खेल तो नही हो रहा है।या फिर किसी और को हटाने का खेला चल रहा है।सूबे के मुख्यमंत्री अपनी ईमानदारी वाली छवि की वजह से आज इस मुकाम पर है। एक अच्छे व्यक्ति के मुख्यमंत्री बनने से कई लोगो के पेट मे दर्द भी है। अब कौन किसके पीछे लगा हुआ है यह तो जांच का विषय है।
छत्तीसगढ़ में सांय सरकार ने सत्ता में आने के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हमेशा कहते हैं कि राज्य में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अपनी मनमानी खुलकर कर रहा है। इस विभाग का बड़ा खेला उजागर हुआ।मुंगेली के भ्रष्ट सीएमओ अनुभव सिंह का ट्रांसफर कर बचाने का काम किया गया है।इस मामले में भ्रष्टाचार के खिलाड़ी को सुनियोजित तरीके से बचाने का खेल किया गया है।शासकीय राशि के गबन और घोटालों की पर्याय बन चुकी मुंगेली नगर पालिका वर्तमान में अपनी बदहाली पर खुद आंसू बहा रही है।
मुंगेली नगर पालिका के हाईप्रोफाइल मवेशी बाजार की वसूली राशि के गबन मामले में पुलिस ने अपराध तो दर्ज कर लिया है, जिसके बाद जांच में सीएमओ मोरिस राज सिंह जो कि मुंगेली नगर पालिका के तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक थे, और तत्कालीन कैशियर यतेंद्र पांडेय सहित एक अन्य कर्मचारी पंप ऑपरेटर को गिरफ्तार कर 19/7/24 को जेल भेज दिया हैं। तीनों आरोपी फिलहाल अभी भी जेल में हैं। मामले में आरोपियों के विरुद्ध 420,408,409,467 ,468,471,201,34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया हैं। मामले में गिरफ्तार आरोपियों के परिजनों के द्वारा पुलिस जांच में कई तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं।
प्रदेश के बड़े मंत्री की कृपादृष्टि से गबन के दोषी सीएमओ अनुभव सिंह बने जोन कमिश्नर?…मवेशी बाजार वसूली राशि के गबन मामले में जब से विभागीय जांच में सीएमओ अनुभव सिंह को भी दोषी, उत्तरदायी बताया गया हैं तब से वे किसी न किसी बहाने से छुट्टी लेते आये हैं। जब इस मवेशी बाजार वसूली में हुए गबन मामले में पुलिस द्वारा पहली गिरफ्तारी 25 जून को की गई तो उसके बाद से डेढ़ माह से अधिक समय से सीएमओ अनुभव अवकाश पर थे, हालांकि अनुभव सिंह के लंबे अवकाश को लेकर मुंगेली में तरह-तरह की चर्चाएं होती रही, दिनांक 21/08/2024 को छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन व विकास विभाग द्वारा सीएमओ का ट्रांसफर लिस्ट जारी किया गया, जिसमें मवेशी बाजार वसूली राशि के गबन के दोषी सीएमओ अनुभव सिंह को बिलासपुर जोन कमिश्नर बना दिया गया, यह आदेश आते ही मुंगेली की जनता में भयंकर आक्रोश देखा गया, तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई, मुंगेली मवेशी बाजार में लाखों-करोड़ों के हुए भ्रष्टाचार पर सरकार गंभीर क्यों नहीं हैं, इस मामले में जब विभागीय जांच में सीएमओ अनुभव सिंह स्पष्ट तौर पे दोषी पाए गए हैं तो उन पर कार्यवाही क्यों अटकी हैं ?
मुंगेली में कई लोगो ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त सीएमओ अनुभव सिंह को बचाने शासन-प्रशासन लगा हुआ हैं, ऐसे में विभागीय, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठ रहा हैं, जनता के बीच उनकी किरकिरी भी हो रही हैं। इसलिये सूबे के मुख्यमंत्री को इस मामले पर दोषी अधिकारी के ऊपर कार्रवाही करनी चाहिए। इधर कांग्रेस व आप पार्टी के नेताओं ने भी भाजपा सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने व संरक्षण देने का आरोप लगाया हैं।
विभागीय जांच में पुष्टि फिर भी कार्रवाई न करके नई पोस्टिंग ? कौन बचा रहा भ्रष्ट सीएमओ को?…क्या इस खेल में लेनदेन का बड़ा खेल हुआ?…नगरपालिका में मवेशी बाजार की पंजीयन शुल्क की रसीद में कूटरचना करके बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है सरकार को राजस्व क्षति पहुंचाकर सिंडिकेट बनाकर लाखों-करोड़ो की राशि का बंदरबांट किया गया हैं। मामले की जाँच में जुटी पुलिस ने अब तक नगरपालिका के 3 अधिकारियों, कर्मचारी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया हैं। नगरीय प्रशासन के उच्च स्तरीय जांच में सीएमओ अनुभव सिंह के खिलाफ दोष स्पष्ट हैं, लेकिन विभागीय कार्रवाई के नाम फाइल अधिकारियों के केबिनों में टेबल-टेबल घूम रही हैं, जिससे शासन प्रशासन भी शक के दायरे में हैं और अब अनुभव सिंह के ऊपर कार्यवाही होने के बजाय ट्रांसफर होने से राज्य शासन पर उंगलियां उठ रही हैं।सत्ता में भाजपा के आने के बाद अब आरोप भी लगने लगे है।नगरीय निकाय में किस तरीके का खेल हो रहा है।विपक्षी पार्टी के नेताओ का कहना है की आने वाले निकाय व पंचायत चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा।अब इन सब आरोप के बीच सरकार क्या कार्रवाही करती है यह देखना बाकी है।