नई दिल्ली : 60 लाख की रिश्वत के लिए बिजनेसमैन को पूरी रात बंधक बनाने का आरोप ; CGST अफसर समेत तीन गिरफ्तार…
नई दिल्ली : सीबीआई ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीजीएसटी (Anti-Evasion) मुंबई वेस्ट कमिश्नरेट के एक सुपरिटेंडेंट और एक सीए समेत तीन आरोपियों पर कार्रवाई की है। उन्हें कथित रूप से 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।सीबीआई ने बताया कि इस मामले में पीड़ित बिजनेसमैन को सांताक्रूज स्थित सीजीएसटी ऑफिस में 4 सितंबर की पूरी रात रोका गया था। उन्हें रिहा करने की एवज में कथित रूप से 80 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। जो की बाद में 60 लाख रुपये में तय हुई।
सीबीआई का एक्शन, तीन गिरफ्तार : सीबीआई ने बताया कि इस मामले में कथित रूप से रिश्वत की रकम में से 30 लाख रुपये की राशि हवाला के जरिए पहले भुगतान की गई। फिर 20 लाख रुपये नकद रिश्वत के रूप में लिए गए। जिसकी शिकायत सीबीआई से की गई। सीबीआई ने एक्शन लेते हुए मौके से तीन आरोपी दबोच लिए। सीबीआई ने बताया कि इस मामले में शिकायत मिलने पर सीबीआई ने 5 सितंबर को मुंबई सीजीएसटी के छह अधिकारियों समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
इन पर दर्ज हुई एफआईआर : सीबीआई ने बताया कि जिन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें सीजीएसटी कमिनश्नरेट मुंबई वेस्ट के अडिश्नल कमिश्नर दीपक कुमार शर्मा, सुपरिटेंडेंट सचिन गोकुलका, सुपरिटेंडेंट बिजेंद्र जनावा, सुपरिटेंडेंट निखिल अग्रवाल, सुपरिटेंडेंट नितिन कुमार गुप्ता, जाइंट कमिश्नर राहुल कुमार और चार्टर्ड अकाउंटेंट राज अग्रवाल समेत निजी शख्स अभिषेक मेहता शामिल हैं।
सीबीआई ने बताया क्या है पूरा मामला : सीबीआई ने बताया कि आरोप है कि गोरेगांव (वेस्ट) मुंबई इलाके में रहने वाला पीड़ित बिजनेसमैन जब 4 सितंबर की शाम को सीजीएसटी ऑफिस सांताक्रूज गए। वहां उन्हें पूरी रात कार्यालय में एक तरह से बंधक बनाकर रखा गया। करीब 18 घंटे बाद अगले दिन सुबह 5 सितंबर को उन्हें रिहा किया गया। आरोप है कि इस दौरान पीड़ित शिकायतकर्ता से एक आरोपी सुपरिटेंडेंट (रिश्वत लेने वाले) ने उन्हें गिरफ्तार ना करने के लिए कथित रूप से 80 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। जिसे बाद में घटाकर 60 लाख रुपये कर दिया गया।
सीजीएसटी सुपरिटेंडेंट समेत 3 के खिलाफ शिकायत : आगे यह भी आरोप है कि उक्त सुपरिटेंडेंट के तीन अन्य सहयोगियों (सभी सीजीएसटी के सुपरिटेंडेंट) ने भी शिकायतकर्ता पर दबाव डालने में उसका साथ दिया। इसमें पीड़ित के खिलाफ रातभर बार-बार बल प्रयोग किया गया और उन्हें गालियां भी दी गईं। कथित तौर पर शिकायतकर्ता को सीजीएसटी अधिकारियों की ओर से उन्हें गिरफ्तार ना करने और सीजीएसटी की जारी जांच में उनका पक्ष लेने के लिए अनुचित लाभ की मांग के बारे में बताने के लिए कथित तौर पर बंधक बनाए रखने के दौरान पीड़ित को उनके चचेरे भाई को फोन करने के लिए मजबूर किया गया।
बिजनेसमैन को बंधक बनाने के बाद कैसे डील बढ़ी आगे : शिकायतकर्ता के चचेरे भाई ने बाद में एक आरोपी सीए से संपर्क किया। जिसने आगे सीजीएसटी के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य लोगों से संपर्क किया। आरोपी सीए और अन्य आरोपी निजी व्यक्ति दोनों मध्यरात्रि के दौरान सीजीएसटी कार्यालय गए। जहां सीजीएसटी अधिकारियों के साथ कथित रूप से रिश्वत के लेनदेन पर बातचीत हुई। आरोप है कि शुरूआत में उन्हें छोड़ने की एवज में 80 लाख रुपये मांगे गए। जो बाद में 60 लाख रुपये में लॉक किए गए। यह रकम आरोपी सीए के माध्यम से सीजीएसटी अधिकारियों तक पहुंचाई जानी थी। परस्पर बातचीत में तय की गई 60 लाख रुपए की रिश्वत में से 30 लाख रुपए कथित तौर पर शिकायतकर्ता के चचेरे भाई ने एक आंगड़िया के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए थे। इसके बाद ही शिकायतकर्ता को अगले दिन सीजीएसटी कार्यालय से रिहा करने की अनुमति दी गई थी।
सीबीआई ने जाल बिछा ऐसे पकड़ा : सीबीआई ने मिली इस गंभीर शिकायत पर एक्शन लेते हुए जाल बिछाया। जिसमें आरोपी सीए को सीजीएसटी अधिकारियों की ओर से रिश्वत की शेष राशि में से 20 लाख रुपए स्वीकार करने के दौरान रंगे हाथों पकड़ लिया गया। इसके बाद रिश्वत राशि नियंत्रित रूप से देने (Controlled Bribe ) की प्रक्रिया में अन्य आरोपी निजी व्यक्ति तक पहुंचा दी गई। जिसे आगे आरोपी अधीक्षक सीजीएसटी (रिश्वत स्वीकारने वाला) के माध्यम से सीजीएसटी अधिकारियों को रिश्वत पहुंचानी थी।
दो को सीबीआई रिमांड और एक न्यायिक हिरासत में : आगे की ट्रैप कार्यवाही के दौरान आरोपी अधीक्षक सीजीएसटी (रिश्वत स्वीकारने वाला) ने दूसरे आरोपी निजी व्यक्ति को रिश्वत स्वीकारने के लिए ओशिवारा पुलिस स्टेशन मुंबई के पास मिलने हेतु बुलाया। इसके बाद उक्त आरोपी अधीक्षक सीजीएसटी को भी सीबीआई टीम ने पकड़ लिया। सीबीआई ने ट्रैप कार्यवाही के दौरान रिश्वत लेते हुए उक्त तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। उन्हें सीबीआई मामलों की विशेष अदालत मुंबई के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने गिरफ्तार सुपरिटेंडेंट सीजीएसटी और सीए को 10 सितंबर तक रिमांड पर दे दिया और गिरफ्तार निजी व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। सीबीआई ने मुंबई और इसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित आरोपी व्यक्तियों के ऑफिस, घर और अन्य ठिकानों समेत नौ स्थानों पर छापेमारी की। यहां से सीबीआई को कई अहम दस्तावेज बरामद हुए।
सौजन्य : NBT