रायगढ़

धरमजयगढ़ : BEO साहब खम्हार के आरिफ सिद्धिकी पर कार्यवाही करने क्यो फूल रहे आपके हाथ पैर?…

◆ आदिवासी कर्मचारी के साथ भेद भाव कर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी : महेन्द्र सिदार

धरमजयगढ़। सर्व आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष महेन्द्र सिदार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर आदिवासी कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि शिक्षक की अपनी छवि साफ सुथरा होनी चाहिए किसी भी शिक्षक को शराब पीकर स्कूल जाने का अधिकार नहीं हैं। शिक्षक को शिक्षण संस्था को भय मुक्त बनाना चाहिए ताकि बच्चे बिना भय डर के पढ़ाई कर सकें।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग ने ऐसे ही एक शराबी शिक्षक जो कि नशे के हालत में पढ़ाई कार्य करवाने स्कूल गया था, शराब के नशे में एक स्कूली बच्चे की पीटाई कर दी, मीडिया में खबर आने के बाद शिक्षा विभाग ने कड़ी कार्यवाही करते हुए शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलांबित कर दिया था। शिक्षा विभाग का यह निर्णय स्वागत योग्य है क्योंकि कोई भी शिक्षक अगर शराब के नशे में अगर स्कूल भी जाता है तो बच्चों में इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है। जिस पर कार्यवाही सर्वथा न्यायोचित थी।

वहीं दूसरी ओर खम्हार माध्यमिक शाला की सातवीं कक्षा की एक छात्रा से 3 सितम्बर को मारपीट करने का मामला भी सामने आया, जिसके बाद से छात्रा बहुत डरी हुई है व कभी स्कूल नहीं जाना चाहती ऐसे में छात्रा के परिजनों द्वारा शिक्षक आरिफ सिद्दीकी को स्कूल से हटाने की मांग पर अड़े हुए है साथ ही आपको बता दे कि इस शिक्षक पर पहले भी कई लापरवाही के मामले सामने आये है जिससे की ग्राम पंचायत द्वारा भी शिक्षक को हटाने के लिए धरमजयगढ़ विकासखंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौपा जा चुका  है।

मारपीट करने वाली खबर अखबारों की सुर्खियां बनी इसके बाद भी शिक्षा विभाग के कान में अभी तक जूं तक रेंगती नहीं दिख रही है और न ही पंचायत द्वारा बीइओ को सौपे ज्ञापन का कोई असर नजर आ रहा है।

सर्व आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष का  कहना है कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी धरमजयगढ़ द्वारा खम्हार के शिक्षक को बचाने के लिए बार-बार बायान लिया जा रहा है। जिस प्रकार से एक आदिवासी शिक्षक को तत्काल निलम्बित किया गया है उसी प्रकार  खम्हार पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधानपाठक आरिफ सिद्धिकी के उपर भी कार्यवाही की जावे । अधिकारी सभी वर्ग के कर्मचारियों को एक ही नजर से देखे, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम आंदोलन करने बाध्य होंगे।

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