धमतरी

धमतरी : पुलिस हिरासत में युवक की मौत, परिजनों का सनसनीखेज आरोप – “पुलिस ने की बर्बर पिटाई, थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग”…

धमतरी : पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध मौत ने इलाके में भूचाल ला दिया है। अर्जुनी थाना पुलिस पर आरोप हैं कि उन्होंने आरोपी दुर्गेश कठोरिया को बर्बर तरीके से प्रताड़ित किया, जिससे उसकी मौत हुई। दुर्गेश पर 7 करोड़ 73 लाख रुपये की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप था, और उसकी गिरफ्तारी के बाद उसकी मौत के मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस हिरासत में हुई मौत : परिवार ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप : 29 मार्च को पुलिस ने दुर्गेश को गिरफ्तार किया था, जब वह दुर्ग में अपने परिवार के साथ था। उस समय वह पूरी तरह स्वस्थ था, लेकिन 31 मार्च को पुलिस ने अचानक परिजनों को सूचित किया कि दुर्गेश की तबीयत खराब हो गई है। परिजनों का दावा है कि जब वे थाने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि दुर्गेश की मौत हो चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन शव पर चोटों के स्पष्ट निशान थे, जिससे यह साबित होता है कि उसे हिरासत में बुरी तरह पीटा गया था।

पुलिस और थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप : “मौत से पहले प्रताड़ित किया गया” – परिजनों ने थाना प्रभारी सनी दुबे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि दुर्गेश को गिरफ्तारी के बाद बुरी तरह प्रताड़ित किया गया और उसे पुलिस की बर्बर पिटाई का शिकार बनाया गया। परिवार के सदस्य और ग्रामीण थाने के बाहर धरने पर बैठ गए, और थाना प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मौत के बाद भी उनके परिवार को सही जानकारी नहीं दी और उन्हें जानबूझकर बेखबर रखा।

राजनीतिक और सामाजिक मोड़ : विधायक और किसानों का विरोध प्रदर्शन – घटना की जानकारी मिलते ही धमतरी विधायक और एनएसयूआई कार्यकर्ता जिला अस्पताल पहुंचे। वहां परिजनों और किसानों के बीच न सिर्फ तीखी बहस हुई, बल्कि पुलिस को स्थिति को संभालने में मुश्किल का सामना भी करना पड़ा। इस दौरान धरने पर बैठे परिजनों ने यह साफ कर दिया कि अगर आरोपी थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तो उनका आंदोलन और तेज होगा।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच की दिशा : धमतरी उप पुलिस अधीक्षक मणि शंकर चंद्रा ने मामले की जांच की बात की है, और कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की असली वजह का खुलासा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

लेकिन यह मामला पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। पुलिस हिरासत में मौतों और अधिकारियों द्वारा किए गए अत्याचार की घटना अब एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। यह देखना होगा कि क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी, या फिर यह भी एक और अनसुलझा केस बनकर रह जाएगा।

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