देहरादून : जान बचाने के लिए नाइट सूट में अपने ही घर से भागने को मजबूर हुई कांग्रेस कि राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि; अब निर्दलीय लड़ेंगी मेयर का चुनाव…
देहरादून। कांग्रेस-बीजेपी की नीतियों से तंग आकर युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि सुंदरियाल ने निर्दलीय मेयर प्रत्याशी के रूप में जनता के सामने आ गई है। आज जहां उन्हें मोतियों की माला का चुनाव चिह्न मिल गया है तो वहीं उन्होंने आज युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब को पत्र लिखकर राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तिफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने अपने साथ हुए दुव्यवहार के बारें में बताते हुए कहा कि देवभूमि में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। जब उनके साथ गलत हो सकता है। प्रशासन कार्यवाही नहीं कर रहा है तो अन्य लोगों के साथ कैसा बर्ताव होता होगा। ऐसे में उन्होंने जनता से महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर वोट की अपील की है। उन्होंने कहा कि उन्हें निर्दलिय प्रत्याशियों का समर्थन मिल रहा है। जनता उन्हें वोट देकर विजय बनाती है तो वह देवभूमि को महिला रूपी देवियों के लिए सुरक्षित बनाएंगी। इसके लिए उन्होंने जनता से मोतियों की माला का बटन दबाने की अपील की है।
जान बचाने के लिए नाइट सूट में अपने ही घर से भागने को मजबूर हुई आरुषि
दरअसल आरुषि के मुताबिक सोनिया आनंद रावत और उसके गिरोह के खिलाफ थाना डालनवाला में पहले से ही एक मामला दर्ज किया गया है जिसे अब डालनवाला थाना पुलिस की लापरवाही के कारण आरुषि के अनुरोध पर नेहरू कॉलोनी थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है। उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व ने पूरे मामले को नजरअंदाज किया, यह महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है। आरुषि ने बताया कि 20 अगस्त 2024 को उन्हें अपनी जान बचाने के लिए उस समय पहने हुए नाइट सूट में अपने घर से भागना पड़ा, जिसके बाद उनके घर का ताला तोड़कर जमकर लूटपाट की गई और उसके सभी निजी और व्यावसायिक सामान जो कुछ बी बचा था अभी भी अपराध स्थल वाले अपार्टमेंट में सीज़ हुए और अभी तक उनके पास अपना कोई भी सामान नहीं हैं।
पार्टी से बाहर करने की हुई कोशिशेः आरुषि
राजनीतिक प्रभाव के कारण ऐसे प्रभावशाली लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना उनके लिए बहुत मुश्किल था। सिर्फ एफआईआर दर्ज कराने के लिए उन्हें 5 दिनों तक संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने 2013 में डीएवी कॉलेज से चुनाव लड़ा था और तब से कांग्रेस के लिए काम कर रही थीं। कांग्रेस के प्रति उनके समर्पण के बदले में उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व ने ऐसी त्रासदी के बाद उन्हें पार्टी से बाहर करने की कोशिश की थी, लेकिन शुक्र है कि वे ऐसा नहीं कर सके क्योंकि वह पहले से ही राष्ट्रीय युवा कांग्रेस नेतृत्व में एक मजबूत पद धारक थीं।
महिलाओं के प्रति इतना क्रूर पार्टी, अपराधी आजाद
जब उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व अपनी ही पार्टी की महिलाओं के प्रति इतना क्रूर हो सकता है तो अन्य महिलाओं के मामले में कांग्रेस से क्या उम्मीद कर सकते हैं और सत्तारूढ़ दल के रूप में भाजपा के शासन में पुलिस विभाग की धीमी कार्रवाई के कारण इस मामले के अपराधी अभी भी आज़ाद हैं, इसलिए यह महिलाओं को अपराधियों से बचाने में भाजपा और कांग्रेस दोनों की विफलता प्रतीत होती है। आरुषि ने अपने दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न कदम उठाने की जरुरत को महसूस किया है।
कांग्रेस के बयानों से नाराज, लगाएं गंभीर आरोप
वहीं आपको बता दें कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा आरुषि सुंदरियाल के कांग्रेस में किसी पद पर न होने का बयान दिया गया था, जिसके बाद आरुषि सुन्दरियाल को युवा कांग्रेस के नेतृत्व द्वारा अपलोड किया गया, उनके राष्ट्रीय प्रवक्ता के नियुक्ति पत्र के लिंक साझा करते हुए मीडिया में विज्ञप्ति जारी करनी पड़ी। आरुषि द्वारा सोनिया आनंद पर डाकैती और मारपीट का मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद अचानक पार्टी में उनके पद को लेकर ब्यान बाजी से आरुषि खासा नाराज है। आरुषि के अनुसार ऐसा करके उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने महिलाओं पर हो रहे अपराधों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाई है।
कांग्रेसी महिलाएं कांग्रेस भवन में जाने से झिझकतीः आरुषि
आरुषि ने कहा कि “उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व की यह शर्मनाक हरकत सिर्फ मेरा अपमान नहीं है, बल्कि यह यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व और उत्तराखंड की सभी महिलाओं का भी अपमान है, इसलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। अगर उत्तराखंड कांग्रेस नेतृत्व अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री के प्रति इतना असंवेदनशील हो सकता है तो आम महिलाओं के मामले में ऐसे अहंकारी नेताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है। करण महारा के नेतृत्व के बाद कांग्रेस भवन के अजीब माहौल के कारण ज्यादातर कांग्रेसी महिलाएं कांग्रेस भवन में जाने से झिझकती हैं, साथ ही पार्टी में अंतर्कलह काफी बढ़ गई है।
करण महारा सबसे विफल प्रदेश अध्यक्षः आरुषि
आरुषि ने करण महारा को अब तक का सबसे विफल प्रदेश अध्यक्ष बताया। किसी भी राजनीतिक दल का कार्यकर्ता पार्टी को श्रमदान देता है, बदले में पार्टी का दयेत्वा है कि कार्यकर्ताओं को यथोचित सम्मान मिले, लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस के अतिमहत्वाकांक्षी नेता प्रदेश अध्यक्ष की नाक के नीचे पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की नेत्री को अपमानित करते रहे और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने धृतराष्ट्र की भूमिका निभायी। कांग्रेस पार्टी मुझे प्रिय है, परंतु कांग्रेस भवन में अक्सर बैठे रहने वाले कुछ दकियानूसी लोग कांग्रेस को दिमाग की तरह खोखला कर रहे हैं। वर्तमान प्रदेश नेतृत्व के रहते उत्तराखंड कांग्रेस डूबता जहाज है, जहाँ अब पानी सर से ऊपर हो चुका है, इसलिए मैं इस्तीफा देने को विवाश हूं।”