दुर्ग के अमलेश्वर में प्रार्थना सभा पर विवाद: बजरंग दल ने लगाया धर्मांतरण का आरोप, पुलिस जांच में जुटी…

दुर्ग, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर एक बार फिर बवाल मच गया है। राजधानी रायपुर से सटे अमलेश्वर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 3, शीतला मंदिर वार्ड में स्थित विनय साहू के निवास पर चल रही प्रार्थना सभा को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण की आशंका जताते हुए बंद करा दिया। इस दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
पहले भी हो चुका है विवाद : गौरतलब है कि करीब एक साल पहले भी विनय साहू के घर पर इसी तरह का विवाद हुआ था। उस समय भी धर्मांतरण के आरोप लगे थे, जिसके चलते क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। हालांकि, तब कोई ठोस प्रमाण न मिलने के कारण मामला शांत हो गया था। लेकिन इस बार फिर उसी स्थान पर प्रार्थना सभा होने से बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया और सभा को बंद कराने की मांग की।
बजरंग दल का आरोप : बजरंग दल के स्थानीय संयोजक ने कहा, “हमें सूचना मिली थी कि इस प्रार्थना सभा में हिंदू धर्म के लोगों को किसी और धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है। पहले भी इसी स्थान पर ऐसा हुआ था, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। हम छत्तीसगढ़ में जबरन धर्मांतरण नहीं होने देंगे और इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।”
प्रार्थना सभा में शामिल लोगों का पक्ष : विनय साहू, जिनके घर पर प्रार्थना सभा हो रही थी, उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, “हम पिछले कई वर्षों से अपने घर में प्रार्थना कर रहे हैं। यह हमारी धार्मिक आस्था से जुड़ा मामला है। यहां किसी को जबरदस्ती या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए नहीं कहा जाता। यह सिर्फ एक शांतिपूर्ण प्रार्थना सभा थी, जिसे जबरदस्ती बाधित किया गया।”
पुलिस की प्रतिक्रिया : घटना की सूचना मिलते ही अमलेश्वर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। थाना प्रभारी के अनुसार “मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है। अगर जबरन धर्मांतरण का कोई प्रमाण मिलता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अगर यह सिर्फ एक धार्मिक सभा थी और उसे गलत तरीके से बाधित किया गया, तो इस पर भी कार्रवाई होगी। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।”
सामाजिक सौहार्द पर असर : इस घटना के बाद क्षेत्र में माहौल गरम हो गया है। कुछ लोगों ने बजरंग दल के कदम का समर्थन किया, तो कुछ ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता में दखल बताया। एक स्थानीय निवासी ने बताया “हम वर्षों से यहाँ शांतिपूर्वक रह रहे हैं। इस तरह के आरोप और टकराव समाज में तनाव पैदा करते हैं। हर किसी को अपनी धार्मिक आस्था के अनुसार पूजा-पाठ करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, जब तक कि कोई गैर-कानूनी गतिविधि न हो।”
राज्य में बढ़ते धर्मांतरण विवाद : छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों से धर्मांतरण का मुद्दा राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील बना हुआ है। इससे पहले भी कई जिलों में इस तरह के विवाद सामने आए हैं, जहाँ हिंदू संगठनों ने जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन किए।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोनों पक्षों से बयान लिए जा रहे हैं। प्रशासन ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। अब देखना यह होगा कि क्या वास्तव में कोई धर्मांतरण हुआ था या यह सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाने की एक कोशिश थी।