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दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत: 27 साल बाद पूर्ण बहुमत, केजरीवाल-सिसोदिया हारे, कांग्रेस का सूपड़ा साफ…

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे भारतीय राजनीति में बड़ा बदलाव लेकर आए हैं। भाजपा ने 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है और दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 41 सीटें जीत ली हैं और 7 पर आगे है, यानी कुल 48 सीटें उसके खाते में जा रही हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) 20 सीटें जीत चुकी है और 2 पर बढ़त बनाए हुए है, जिससे उसका कुल आंकड़ा 22 पर पहुंचता है। वहीं, कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली, जिससे पार्टी के लिए यह चुनाव निराशाजनक साबित हुआ।

भाजपा की ऐतिहासिक वापसी : भाजपा ने 1993 के बाद पहली बार दिल्ली में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है। 1993 में भाजपा ने 53 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जिसके बाद मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बने थे। इस बार भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि दिल्ली की राजनीति में उसका प्रभाव मजबूत हुआ है।

AAP को बड़ा झटका: केजरीवाल और सिसोदिया हारे : दिल्ली की सत्ता में एक दशक तक काबिज आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में करारा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हार गए। उन्हें भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने 4,089 वोटों से पराजित किया। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जंगपुरा सीट से चुनाव हार गए। सत्येंद्र जैन, जो केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे थे, भी हार गए। हालांकि, आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत दर्ज की और पार्टी की इज्जत बचाने में कामयाब रहीं।

हार स्वीकार करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हम जनादेश का सम्मान करते हैं। यह हार हमें स्वीकार है। हम आत्ममंथन करेंगे और अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश करेंगे। भाजपा को इस जीत की बधाई देता हूं।”

भाजपा की जीत के प्रमुख कारण :

  1. मोदी फैक्टर और मजबूत संगठन – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और भाजपा की आक्रामक चुनावी रणनीति ने निर्णायक भूमिका निभाई।
  2. AAP के खिलाफ नाराजगी – दिल्ली में बढ़ती प्रशासनिक समस्याएं, घोटालों के आरोप और एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर AAP के खिलाफ गया।
  3. हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण – दिल्ली में भाजपा का चुनाव प्रचार हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर केंद्रित था, जिससे उसे फायदा मिला।
  4. कांग्रेस की निष्क्रियता – कांग्रेस का कमजोर संगठन और विश्वसनीय नेतृत्व की कमी भी भाजपा की जीत का कारण बनी।

दिल्ली सरकार सचिवालय सील, प्रशासनिक बदलाव के संकेत : भाजपा की जीत के कुछ ही घंटों बाद, दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) ने दिल्ली सचिवालय को सील करने के आदेश जारी किए। आदेश में कहा गया है कि “बिना अनुमति के कोई भी सरकारी फाइल, दस्तावेज़, कंप्यूटर हार्डवेयर या अन्य सामग्री सचिवालय से बाहर नहीं ले जाई जाएगी।” यह कदम सत्ता परिवर्तन की दिशा में प्रशासनिक नियंत्रण स्थापित करने का संकेत देता है।

दिल्ली चुनाव 2025: रोचक तथ्य :

  • भाजपा की सीटें छह गुना बढ़ीं: 2020 में भाजपा ने 8 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार 48 सीटों पर कब्जा कर लिया।
  • AAP का भारी नुकसान: 2020 में AAP ने 62 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार केवल 22 पर सिमट गई।
  • कांग्रेस का सूपड़ा साफ: कांग्रेस के 70 में से 68 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
  • केजरीवाल की सीट पर 20 उम्मीदवारों की जमानत जब्त: नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लड़ने वाले 20 उम्मीदवारों को इतने कम वोट मिले कि उनकी जमानत जब्त हो गई।
  • भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे जीते: साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा और मदन लाल खुराना के बेटे हरीश खुराना ने जीत दर्ज की।
  • कांग्रेस को वोट बढ़े, पर सीट नहीं मिली: कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2% बढ़ा, लेकिन उसे कोई सीट नहीं मिली।

भाजपा मुख्यालय में जश्न, पीएम मोदी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे : भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के बाद पार्टी मुख्यालय में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को भाजपा दफ्तर पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, “दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। यह जनता की जीत है।”

आगे की राजनीति: क्या होंगे संभावित बदलाव?

  1. दिल्ली में भाजपा की नई सरकार: मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं, जिनमें प्रवेश वर्मा, विजय गोयल और हर्षवर्धन प्रमुख हैं।
  2. AAP की रणनीति में बदलाव: इस हार के बाद AAP को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।
  3. कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की चुनौती: कांग्रेस को दिल्ली में अपना आधार फिर से मजबूत करना होगा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 भाजपा के लिए एक ऐतिहासिक जीत और आम आदमी पार्टी के लिए करारी हार साबित हुआ। भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत हासिल कर राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। वहीं, अरविंद केजरीवाल की हार और AAP के खराब प्रदर्शन ने पार्टी के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि भाजपा दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद क्या बड़े बदलाव करती है और AAP इस हार से उबरने के लिए क्या रणनीति अपनाती है।

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