रायगढ़

तमनार : बजरमुड़ा की उम्मीद, सरपंच पद के लिए कंचन आशुतोष पोर्ते की मजबूत दावेदारी…

तमनार। ग्राम पंचायत बजरमुड़ा में आगामी चुनावों को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है, और इस बार सरपंच पद के लिए कंचन आशुतोष पोर्ते मुख्य उम्मीदवार के रूप में अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रही हैं। अपने निडर स्वभाव और समाजसेवा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए पहचानी जाने वाली कंचन अब ग्रामीण विकास और जनसुविधाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं।

स्थानीय निवासियों का मानना है कि कंचन आशुतोष पोर्ते की सोच और कार्यशैली से ग्राम पंचायत को एक नई दिशा मिलेगी। उनके समर्थकों का कहना है कि वे ईमानदारी, निष्ठा और समाज कल्याण की भावना के साथ सरपंच पद की जिम्मेदारी निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

आपको बता दें कि ग्राम पंचायत बजरमुड़ा में विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद गांव आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। गड्ढों से भरी सड़कें, खराब जल निकासी व्यवस्था और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा-यह सभी सवाल खड़े करते हैं कि क्या विकास सिर्फ कागजों पर हुआ है?

₹1.68 करोड़ का हिसाब कौन देगा? :  पिछले 10 वर्षों में पंचायत में कुल ₹1.68 करोड़ खर्च किए गए। दस्तावेज़ बताते हैं कि यह धन सड़क निर्माण, जल निकासी, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल हुआ, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहती है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह रकम सिर्फ कागजों पर खर्च हुई है, जबकि धरातल पर कोई ठोस बदलाव नहीं दिखता।

भ्रष्टाचार के आरोप और जांच का ठंडा पड़ा मामला : ग्रामीणों ने पहले भी पंचायत प्रशासन पर घोटाले के आरोप लगाए थे। गबन, फर्जी बिलिंग, और अनियमितताओं की शिकायतें प्रशासन तक पहुंचीं, जिसके बाद जांच भी शुरू हुई। लेकिन आज तक इस जांच का कोई नतीजा नहीं निकला। क्या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह धूल फांकने के लिए छोड़ दिया गया?

कंचन आशुतोष पोर्ते: क्या बनेंगी जनता की आवाज?  गांव की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, इस बार पंचायत चुनाव में जनता बदलाव चाहती है। सरपंच पद की प्रत्याशी कंचन आशुतोष पोर्ते ने इस बार पारदर्शिता और ईमानदारी से विकास करने का वादा किया है।

उनका विजन क्या है?

  • पंचायत के पिछले विकास कार्यों की जांच और जवाबदेही तय कराना।
  • हर घर में स्वच्छ जल की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
  • सड़क, बिजली और जल निकासी की समस्याओं का स्थायी समाधान।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए ठोस कदम उठाना।
  • भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी पंचायत प्रशासन देना।

क्या इस बार होगा बदलाव? : गांव के लोगों में इस बार उत्साह है। वे अपने मत का सही उपयोग करके ऐसे प्रतिनिधि को चुनना चाहते हैं, जो सिर्फ वादे न करे बल्कि धरातल पर विकास करके दिखाए। कंचन आशुतोष पोर्ते की उम्मीदवारी से मुकाबला दिलचस्प हो गया है, क्योंकि जनता अब केवल विकास के नाम पर ठगी नहीं खाना चाहती।

अब सवाल यह है कि बजरमुड़ा की जनता इस बार सच्चाई का साथ देगी या फिर झूठे वादों के जाल में फंसकर वही पुरानी कहानी दोहराई जाएगी?

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