बिलासपुर

जिला उपभोक्ता फोरम ने न्यू बेल्यू हॉस्पिटल में ऑपरेशन के दौरान खराब खून चढ़ाने से छोटेलाल टंडन की मौत मामले में ठोंका 10 लाख का जुर्माना…

◆ फोरम के आदेश की कॉपी स्टेट मेडिकल काउंसिल को भेजने के आदेश ताकि आने वाले समय में न हो इस तरह की लापरवाही…

बिलासपुर। न्यू बेल्यू हॉस्पिटल में इलाज में लापरवाही के चलते सर्वाइकल पेन के मरीज की मौत हो गई। युवक को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया था। इस दौरान खराब खून चढ़ाने से उसकी तबीयत बिगड़ गई। यह घटना सात साल पहले की है। इस मामले में अब उपभोक्ता फोरम ने दोषी अस्पताल प्रबंधन पर 10 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है।

दरअसल, जांजगीर-चांपा जिले के नरियरा निवासी छोटेलाल टंडन (29) पिता बुधराम टंडन सर्वाइकल का मरीज था। साल 2016 में तकलीफ ज्यादा होने पर वह बिलासपुर के मंगला स्थित न्यू बेल्यू हॉस्पिटल में इलाज कराने पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसका MRI सहित अन्य जांच के बाद ऑपरेशन की जरूरत बताई।

खराब खून चढ़ाने से बिगड़ी तबीयत : मरीज और उसके परिजन की सहमति के बाद लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. बृजेश ने युवक को 29 दिसंबर 2016 को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया। ऑपरेशन के दौरान अस्पताल प्रबंधन ने ब्लड की आवश्यकता बताई और मरीज को दूषित ब्लड चढ़ा दिया गया।

फट गई थी अतड़ी, दोबारा किया ऑपरेशन : खराब खून चढ़ाने की वजह से छोटेलाल की तबीयत बिगड़ने लगी और उसका पेट फूलने लगा, जिससे उसकी अतड़ी फट गई। इस दौरान डॉक्टर ने उसका दोबारा ऑपरेशन किया। फिर भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। दोबार ऑपरेशन के बाद भी जब मरीज की तबीयत में सुधार नहीं हुआ, तब परेशान परिजनों ने उसे बड़े अस्पताल में रेफर करने की गुहार लगाते रहे। लेकिन, अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर उसका तबीयत ठीक होने का भरोसा दिलाते रहे। वहीं उसकी हालत गंभीर होने पर 10 जनवरी 2017 को अपोलो अस्पताल रेफर किया गया, जिसके महज 20 मिनट बाद ही छोटेलाल की मौत हो गई। अपोलो अस्पताल में बताया गया कि कार्डियक अरेस्ट के चलते उसकी मौत हुई है।

गलत इलाज करने पर फोरम में लगाया परिवाद : छोटेलाल टंडन की मौत के बाद उसके पिता बुधराम टंडन ने साल 2018 में जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया। इस मामले में फोरम ने अस्पताल प्रबंधन और इलाज करने वाले डॉक्टर से जवाब मांगा। साथ ही उन्हें डिस्चार्ज समरी सहित दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। लेकिन, अस्पताल प्रबंधन ने डिस्चार्ज समरी पेश नहीं किया।

लिहाजा, जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष आनंद कुमार सिंघल, सदस्य आलोक पांडेय और पूर्णिमा सिंह ने इलाज में लापरवाही और सेवा में कमी के लिए छोटेलाल के परिजनों को 45 दिनों के भीतर 10 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है।

तय समय के भीतर राशि नहीं देने पर 9 फीसदी ब्याज के साथ जुर्माने की राशि देनी होगी। साथ ही फोरम के आदेश की कॉपी स्टेट मेडिकल काउंसिल को भेजने के लिए कहा है, ताकि आने वाले समय में इस तरह की लापरवाही पर रोक लगाई जा सके।

Back to top button
error: Content is protected !!