छत्तीसगढ़ में कौशल विकास के नाम पर अवैध नियुक्तियों का खुलासा, फर्जी शिक्षकों की भर्ती रद्द…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में कौशल विकास कार्यक्रम के नाम पर प्राइवेट NGO के शिक्षकों की अवैध नियुक्ति का बड़ा मामला सामने आया है। रि इंडिया फाउंडेशन और ब्रेनोंपीडिया एडू टेक प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारियों ने बिना किसी वैध अनुबंध के सरकारी स्कूलों में नियुक्त कर दिया।
बलरामपुर में 30 शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति :
बलरामपुर जिले में 30 शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सबसे पहले उजागर हुआ। सरगुजा संभाग के संयुक्त संचालक ने इस अनियमितता की रिपोर्ट संचालनालय को सौंपी, जिसके बाद इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया।
अन्य जिलों में भी फर्जी नियुक्तियां :
यह मामला बलरामपुर तक ही सीमित नहीं रहा। बेमेतरा, धमतरी और महासमुंद जिलों में भी ऐसे ही फर्जी नियुक्तियों की पुष्टि हुई। इन जिलों में की गई नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया गया है और संबंधित रिपोर्ट लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी गई है।
प्रशासन पर उठे सवाल :
इस घटना ने जिला शिक्षा अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बिना किसी वैध अनुबंध और उचित प्रक्रिया के इन शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में नियुक्त किया गया। अब यह सवाल उठता है कि क्या यह लापरवाही मात्र थी या इसके पीछे किसी बड़ी अनियमितता की साजिश थी।
जांच और कार्रवाई की तैयारी :
संचालनालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
शिक्षा तंत्र की विश्वसनीयता पर आघात :
यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि सरकारी शिक्षा तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को भी उजागर करता है। अब देखना होगा कि सरकार इस प्रकरण से क्या सबक लेती है और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है।