छत्तीसगढ़ कोल स्कैम : सुप्रीम कोर्ट से सुनील अग्रवाल को जमानत ; ED ने 500 करोड़ से ज्यादा के घोटाले में किया था गिरफ्तार ; सौम्या-सूर्यकांत अब भी जेल में…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के 500 करोड़ से ज्यादा के बहुचर्चित कोयला घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी सुनील अग्रवाल को जमानत दे दी है। इससे पहले इंद्रमणि कोल ग्रुप के डायरेक्टर सुनील अग्रवाल की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।
दरअसल, ED ने कोयला घोटाला केस में 11 अक्टूबर 2022 को सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। ED के मुताबिक कोयला परिवहन में कमीशनखोरी की गई है। इसमें 500 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का अनुमान है।
रायपुर जेल में बंद हैं सभी आरोपी : मामले में ED ने कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी समीर विश्नोई समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी ज्यूडिशियल रिमांड पर रायपुर जेल में बंद हैं।
ED की जांच में अग्रवाल पर कोयले की अवैध कमाई से मिले काले धन को सफेद करने और संपत्तियों में निवेश करने का आरोप है। सुनील अग्रवाल ने हाईकोर्ट में 15 फरवरी 2020 को जमानत याचिका लगाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुनील अग्रवाल ने 2 बार हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी।
इसमें उन्होंने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत देने की मांग की और अपने इलाज से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट भी पेश किए। वहीं, ईडी ने अपनी विशेष अदालत में दिए गए आवेदन में बताया कि सुनील अग्रवाल ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर दिसंबर 2022 से लगातार जेल अस्पताल में रहे। इसके बाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट से अग्रवाल को राहत मिली है।
क्या है कोल स्कैम ? : ईडी के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था। इसमें आईएएस रानू साहू के अलावा आईएएस समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ईडी के जांच के दायरे में है। इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया है।
ईडी ने बताया था कि 2 साल के अंदर 540 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इन आरोपियों की 152 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।