छत्तीसगढ़ की राजधानी के पुलिस कप्तान ने बनाया अपना क़ानून…मेरा आदेश ही राज्य का क़ानून हो जाता है…किसकी होटल बंद करनी है वो मैं तय करूँगा…..
◆ राजधानी में सरकारी विभागों के नियमों से बड़ा पुलिस वालों का क़ानून…
रायपुर। मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का है.आज कल यहाँ सरकार और संविधान के बनाए नियमों के हिसाब से कार्य नहीं होते है।यहाँ के पुलिस कप्तान सरकारी नियमों को नहीं मानते है.राजधानी में आज कल पुलिस कप्तान अपने बनाए नियमो से चलने की बात को ही लागू करने में लगे रहते है।अपने अधीनस्थ पुलिस वालों को भी आये दिन अपनी मंशा ज़ाहिर करते है।कप्तान साहब राजधानी में ही नाइट चौपाटी भी चलती है ऐसा लगता है कि कप्तान साहब एक दिन उसको भी बंद करवाने के मूड में आ सकते है.
१२ बजे के पहले ही किसी कैफ़े और रेस्टोरेंट को बंद करवाकर पुलिस क्या साबित करना चाहती है यह समझ से परे ही है.सूबे के मुख्यमंत्री तक भी यह मामला गया है.सूत्रों के अनुसार राजधानी के होटल रेस्टोरेंट वाले अपनी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी में है.रायपुर पुलिस की मनमानी से अब राजधानी के होटल ,कैफ़े रेस्टोरेंट वाले परेशान हो चुके है.
इन सभी का कहना है कि पुलिस को दाना पानी भी दो उसके बाद खाना भी खिलाओ.उसके बाद थाने भी जाओ और अपने स्टाफ़ की जमानत भी करवाओ.इससे अच्छा है कि हम इस व्यापार को ही बंद कर दे।छत्तीसगढ़ की राजधानी में होटल कैफ़े व रेस्टोरेंट का काम करना बहुत कठिन हो गया है.