छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बैंच ने दिया डिप्टी कलेक्टर जय उरांव के खिलाफ एफआईआर का आदेश….
बिलासपुर सहित जिन जिलों में इस भ्रष्ट अधिकारी जयशंकर उराँव की पोस्टिंग रही उसकी साय सरकार अगर जाँच करवाए तो एक बड़े बेईमान अफसर का कच्चा चिट्ठा खुल सकता है। काली कमाई से इसने विभाग को बताये बिना विदेश यात्रा भी कई बार की है। अलग अलग नामो से करोड़ो की जमीने खरीद कर रखी हुई है।ऐसे बेईमान अधिकारी के ऊपर कड़ी कार्रवाही की आवश्यकता है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राजस्व अभिलेखों के सुरक्षित नहीं रखने के मामले में तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव, रीडर एनके पांडे और जमीन खरीददार सुरेन्द्र बहादुर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अवमानना याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को तय की गई है। इस आदेश के बाद से राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया।पूरे मामले और याचिका पर नजर डालें तो पौंसरा की 2.15 एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री 2013-14 में की गई थी। उस दौरान इस पर काफी विवाद हुआ था। बाद में मामला शांत हो गया और जमीन का नामांतरण भी कर दिया गया। नामांतरण आदेश में तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जय शंकर उरांव के हस्ताक्षर हैं। बाद में पेखन लाल शेंडे ने पक्षकार बनते हुए पूरी रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण आदेश के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराने के लिए 31 अगगस्त 2024 को तहसील बिलासपुर में आवेदन लगाया। कई बार चक्कर काटने के बाद भी नकल की कापी नहीं मिली तो पेखन लाल शेंडे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने आवेदक को पूरे प्रकरण के दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए लेकिन इसके बाद भी तहसील आफिस से कोई जवाब नहीं दिया गया।
समय सीमा बीतने के बाद पेखन लाल शेंडे ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने मामले में एसडीएम बिलासपुर पियूष तिवारी, तहसीलदार अतुल वैष्णव, तहसीलदार मुकेश देवांगन को अवमानना नोटिस जारी किया। जवाब में अधिकारियों ने दस्तावेज संबंध रिकार्ड सौंपने के लिए समय की मांग की। हाईकाेर्ट ने समय देते हुए हर हाल में 24 अक्टूबर को रिकार्ड कोर्ट में पेश करने कहा था। इसके बाद पूरी राजस्व की टीम 15 दिनों तक दस्तावेज खोजती रही। रिटायर रीडर एनके पांडे को भी बुलाया गया। इसके बाद भी उस प्रकरण के रजिस्ट्री और नामांतरण संबधी एक भी कागज नहीं मिला।
अधिकारियों ने इस आशय का जवाब भी कोर्ट में पेश किया कि तहसील आफिस से पूरे रिकार्ड गायब है। इसके साथ ही जवाब पेश किया गया कि रिटायर रीडर एनके पांडे के खिलाफ लापरवाही के मामले में एफआईआर कराने के लिए सिविल लाइन थाने में शिकायत की जा रही है। जस्टिस एनके व्यास की कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि सिर्फ रीडर ही क्यों मामले में तहसीलदार भी तो दोषी हैं। नामांतरण में कहीं ना कहीं कोई गड़बड़ी है तभी तो पूरी फाइल गायब है। नामांतरण आदेश पर तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उंराव के साइन भी हैं। इसके साथ ही जमीन खरीददार सुरेन्द्र बहादुर सिंह के खिलाफ भी एफआईआर कराने कहा गया है।