रायगढ़

चेक के नाम पर 4.25 लाख की ठगी! सिन्हा ऑटो डील संचालक अपरांश सिन्हा पर शिक्षक से धोखाधड़ी का गंभीर आरोप – लैलूंगा में मचा हड़कंप…

लैलूंगा/रायगढ़। नगर के प्रतिष्ठित शिक्षक अली अहमद ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए सिन्हा ऑटो डील के संचालक एवं स्थानीय युवा नेता अपरांश सिन्हा पर 4.25 लाख रुपये की चेक के माध्यम से ठगी का आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने थाना लैलूंगा में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिससे नगर में हड़कंप मच गया है।

अली अहमद का कहना है कि आरोपी ने जानबूझकर अपने बैंक खाते में राशि नहीं रखते हुए उन्हें दो बाउंस चेक सौंपे, जो साफ तौर पर एक पूर्वनियोजित धोखाधड़ी का मामला है।

ठगी की पूरी कहानी- वादों के पीछे छिपा विश्वासघात : प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रार्थी अली अहमद, पिता स्व. शकील अहमद, उम्र 38 वर्ष, निवासी वार्ड क्रमांक 12, अटल चौक, कोतबा बाईपास रोड, तहसील व थाना लैलूंगा, जिला रायगढ़ (छ.ग.) ने बताया कि दिनांक 21 नवंबर 2024 को अपरांश सिन्हा द्वारा उन्हें HDFC बैंक, शाखा लैलूंगा के खाता क्रमांक 50200095870784 से दो पोस्ट डेटेड चेक सौंपे गए

  • पहला चेक क्रमांक 000007, दिनांक 20 दिसंबर 2024, राशि ₹2,00,000
  • दूसरा चेक क्रमांक 000008, दिनांक 10 जनवरी 2025, राशि ₹2,25,000

आरोपी ने भरोसा दिलाया था कि तय तारीखों पर चेक जमा करने पर राशि मिल जाएगी। लेकिन जब प्रार्थी ने पहला चेक 20 दिसंबर को एसबीआई खाते में जमा किया, तो 23 दिसंबर को बैंक से यह सूचना मिली कि चेक अपर्याप्त राशि के कारण अनादृत (बाउंस) हो गया है।

दूसरे प्रयास में भी 26 दिसंबर को वही चेक पुनः बाउंस हो गया। इसके बाद दूसरा चेक 14 जनवरी को जमा किया गया, जो 15 जनवरी को फिर से अपर्याप्त राशि के कारण अस्वीकृत कर दिया गया। तीनों बार बैंक से प्राप्त मेल और अस्वीकृति दस्तावेजों को अली अहमद ने शिकायत के साथ संलग्न (Annexure 01, 02, 03) किया है।


सुप्रीम कोर्ट का हवाला – FIR दर्ज करने की बाध्यता : प्रार्थी ने अपने आवेदन में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय “ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश शासन (2013)” का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसे मामलों में FIR दर्ज करना अनिवार्य है।

इसके साथ ही उन्होंने आरोपी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (B.N.S.S.) की धारा 318 (पूर्व धारा 420, IPC) के तहत तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग की है।


नागरिकों में रोष -“ऐसे लोग सिर्फ व्यक्ति नहीं, व्यवस्था को ठगते हैं” :इस घटना ने नगरवासियों को झकझोर दिया है। सामाजिक संगठनों और व्यापारियों का कहना है कि:

“यदि ऐसे लोगों पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो व्यापारिक लेन-देन और सामाजिक विश्वास दोनों खतरे में पड़ जाएंगे।”

पुलिस की प्रारंभिक जांच शुरू –  क्या मिलेगा शिक्षक को न्याय? : सूत्रों के अनुसार, थाना लैलूंगा पुलिस ने दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। यदि जांच में प्रस्तुत तथ्यों की पुष्टि होती है, तो धोखाधड़ी व अमानत में खयानत जैसी धाराओं में अपरांश सिन्हा के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जा सकता है।

जनता की चेतावनी “अब कोई चुप नहीं बैठेगा” : स्थानीय नागरिकों ने एक स्वर में कहा है कि:

“यदि इस तरह की योजनाबद्ध ठगी को नजरअंदाज किया गया, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। यह केवल एक शिक्षक का मामला नहीं, बल्कि पूरे समाज की आर्थिक सुरक्षा का सवाल है।

यह मामला यह सिद्ध करता है कि चेक के माध्यम से ठगी आज भी समाज में एक गंभीर खतरा है, जिसे नजरअंदाज करना पूरे वित्तीय ढांचे के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता और ईमानदारी से कार्रवाई करता है और क्या अली अहमद को समय रहते न्याय मिल पाता है?

पार्ट 2 में खुलेंगे लैलूंगा पुलिस कि नाकामी के गहरे राज….✍🏻

 

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