रायगढ़

घरघोड़ा : बैहामुड़ा सरपंच- सचिव द्वारा लाखों की वित्तीय अनियमितता सिद्ध ;सरपंच पत्नी के नाम लीज,नगद भुगतान सहित कई गड़बड़ियाँ उजागर…

◆ एसडीएम घरघोड़ा ने जांच रिपोर्ट के बाद 10 दिनों में कार्यवाही का आश्वासन जिसके बाद खत्म हुआ ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन हड़ताल…

रायगढ़ : जिले के घरघोड़ा जनपद अंतर्गत बैहामुड़ा पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा भ्रष्टाचार कर लाखों के गबन की शिकायत के बाद हुई जांच में वित्तीय अनियमितता की बात खुलकर सामने आ गयी है । जांच टीम ने स्पष्ट रूप से  वित्तीय अनियमितता के जिम्मेदार सरपंच एवं सचिव पर कार्यवाही एवं राशि की वसूली का अभिमत दिया है । यहां बताना लाजमी होगा कि ग्राम पटेल सनत राम राठिया के नेतृत्व में ग्राम के जागरूक नागरिकों द्वारा ग्राम पंचायत में चल रही भर्राशाही और वित्तीय अनियमितता को लेकर ज्ञापन से लेकर सड़क तक कि लड़ाई लड़ी तब कहीं जाकर वित्तीय अनियमितता की पुष्टि जांच उपरांत हो पाई है । अब सचिव और सरपंच से वसूली की तैयारी है पर शिकायत कर्ता इतने से संतुष्ट नजर नही आ रहे हैं ।

6 जून की शिकायत ,4 जुलाई को जाँच,कई मामलों में अभी भी अस्पष्टता : कलेक्टर रायगढ़ के नाम दिए 6 जून को  ग्रामीणों द्वारा किये गए शिकायत के बाद तीन सदस्यी जांच टीम जिसमे उप संचालक पंचायत, वरिष्ठ लेखा अधिकारी सहित कार्यालय अधीक्षक जिप रायगढ़ द्वारा जांच की गयी । जांच में शिकायत करता के साथ साथ सचिव एवं सरपंच बैहामुड़ा भी जांच दल के समक्ष उपस्थित हुए जहां जांच उपरांत टीम द्वारा बिंदुवार अभिमत दिया गया जिसमें चार लाख तेरह हजार एक सौ  रुपये की वित्तीय अनियमितता जांच टीम द्वारा पाई गई जिसका 50% राशि की वसूली सरपंच नृपत सिंह राठिया से एवं 50% राशि की वसूली सचिव अशोक चौहान से करने प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी को प्रेषित किया गया है ।जांच के बाद शिकायत कर्ता का कहना है कि बिंदुवार की गई जांच में कई बिंदुओं पर दस्तावेज उपलब्ध न होने जैसे टीप से अभिमत स्पष्ट नही किया गया है । जांच टीम द्वारा पकड़ी गई वित्तीय अनियमितता केवल बानगी भर है अगर शिकायत की सूक्ष्म जांच करवाई जाए तो भ्रष्टाचार का पूरा कुनबा खुल जाएगा ।

सरपंच की पत्नी को तालाब का ठेका, बेनियम नगद भुगतान : जांच टीम द्वारा की गई जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि बैहामुड़ा के सरपंच नृपत सिंह राठिया ने अपनी पत्नी को ही तालाब का ठेका दे दिया । जांच टीम के सामने तालाब को लीज पर देने की कार्यवाही सम्बन्धी कोई दस्तावेज पेश नही किये गए पर लीज राशि जमा की रसीद प्रस्तुत की गई जिससे स्पष्ट हुआ कि सरपंच द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर ही ठेका दे दिया गया है इसके अलावा ग्राम पंचायत द्वारा 5000 से अधिक की राशियों का भुगतान भी नगद दर्शाया गया है जबकि नियमानुसार 5000 से अधिक की राशि का भुगतान नगद नही सकता ।

क्या होगी कार्यवाही, क्या वसूली के बाद बंद हो जाएगा भ्रष्टाचार : इस मामले पर अब प्रशासन कितनी संजीदगी से और क्या कार्यवाही करता है ये देखने वाली बात होगी क्योंकि जांच टीम ने वित्तीय अनियमितता का।जिम्मेदार बताते हुए बैहामुड़ा सरपंच-सचिव से राशि वसूलने का अभिमत तो दिया है पर इसके अलावा वित्तीय अनियमितता के मामले में विभागीय व प्रशासकीय कार्यवाही कितनी कठोर या लचीली होती है इसका इंतजार सभी को है ।

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