रायगढ़

घरघोड़ा : थाने में अवैध गतिविधियों का खेल जोरों पर , कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल ; क्या पुलिस संरक्षण में पनप रहा थाना अंतर्गत अवैध कारोबार???…

रायगढ़। जिले के घरघोड़ा थाने में इन दिनों पुलिस विभाग के कर्तव्यों से ज्यादा सेटिंग और अवैध वसूली का खेल चल रहा है। रेत चोरी, अवैध शराब, जुआ और खुड़खुड़िया में प्रोटेक्शन मनी के नाम पर अवैध वसूली खुलेआम की जा रही है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि इन गतिविधियों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। अपराधियों को खुली छूट दी जा रही है, जिससे अवैध धंधे फल-फूल रहे हैं। आमजन के बीच पुलिस की छवि लगातार गिर रही है।

चोरियों पर अंकुश लगाने में विफल पुलिस : क्षेत्र में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन पुलिस इन पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। हाल ही में दुकान के अंदर घुसकर हुई चोरी और मोटरसाइकिल चोरी के कई मामले सामने आए, जिनमें अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। चोरियों की बढ़ती घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और निवासियों में भी डर का माहौल बना हुआ है।

स्थानांतरित आरक्षकों की सेटिंग ने बन रहा ‘सेतु’ : थाने में कुछ आरक्षक ऐसे भी हैं, जिन्हें स्थानांतरित किए जाने के बावजूद थाने में ही अटैच रखा गया है। इन्हें नए स्थान पर जॉइन करना था, लेकिन सेटिंग के चलते इन्हें घरघोड़ा थाने में ही काम जारी रखने की छूट दी गई है। ये आरक्षक थाने को अपने हिसाब से ऑपरेट कर रहे हैं, जिससे अपराधियों और चोरों में पुलिस का कोई भय नहीं बचा है। पुलिस के प्रति अपराधियों की यह लापरवाही थाने की कमजोर होती साख और अवैध कार्यों को बढ़ावा दे रही है।

‎’परित्राणाय साधुनाम’ का ध्येय हो रहा विफल : पुलिस विभाग का आदर्श वाक्य ‘परित्राणाय साधुनाम’ यानि सज्जनों की रक्षा और दुष्टों का विनाश, घरघोड़ा थाने के लिए मात्र एक दिखावटी नारा बनकर रह गया है। आम जनता को सुरक्षा देने के बजाय थाना अब अवैध वसूली और सेटिंग का अड्डा बन चुका है।

क्षेत्रीय लोगों के बिच चर्चाये आम है कि थाने की कार्यशैली में सुधार लाने की सख्त जरूरत है। वरना कानून-व्यवस्था और भी बदहाल हो जाएगी। उच्च अधिकारियों से इस मामले में जल्द हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।

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