खरसिया : रेलवे प्रोजेक्ट के नाम पर ज़मीनों की लूट पर ब्रेक ;15 गाँवों की ज़मीन खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक, SDM का बड़ा फैसला…

रायगढ़। रेलवे परियोजनाओं की आड़ में दलालों और भू-माफियाओं की नज़र अब खरसिया से नया रायपुर होते हुए परमलकसा तक फैली ज़मीनों पर थी, लेकिन प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए इस खेल पर रोक लगा दी है। खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेलवे लाइन के प्रस्तावित रूट में आने वाले 15 गाँवों की ज़मीनों की खरीद-बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 9 अप्रैल 2025 के पत्र को आधार बनाकर यह निर्णय लिया गया है। पत्र में स्पष्ट रूप से चिंता जताई गई थी कि रेलवे प्रोजेक्ट की जानकारी होने के बावजूद कुछ लोग और बिचौलिए अवैध रूप से ज़मीनों की दलाली कर रहे हैं। इससे न केवल ग्रामीणों को भारी नुकसान हो सकता है, बल्कि परियोजना के क्रियान्वयन में भी गंभीर बाधा उत्पन्न हो सकती है।
किन गाँवों पर पड़ा असर? : भागोडीह, घघरा, डूमरभाठा, हालाहुली, पुरेना, बड़े देवगांव, चारपारा, रतन महका, तेलीकोट, गोपीमहका, औरदा, गाडाबोरदी, गोडबोरदी और नावापारा जैसे गाँव अब इस आदेश के दायरे में हैं। यहाँ कोई भी ज़मीन की रजिस्ट्री या सौदा अब आगामी आदेश तक नहीं हो सकेगा।
SDM डॉ. प्रियंका वर्मा ने जारी किया सख्त आदेश : खरसिया की अनुविभागीय अधिकारी (SDM) ने स्पष्ट किया कि जब तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती और सरकार द्वारा अधिसूचना जारी नहीं की जाती, तब तक इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की ज़मीन की खरीद-बिक्री पर रोक लागू रहेगी।
क्या कहता है प्रशासन : प्रशासन का मानना है कि यह रोक ग्रामीणों के हितों की रक्षा और रेलवे परियोजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। यह कदम भूमाफिया के मंसूबों पर सीधा प्रहार है और ज़मीन को लेकर चल रहे गोरखधंधे पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
ग्रामीणों से अपील : प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के ज़मीन सौदे में शामिल न हों और किसी भी दलाल के बहकावे में न आएं। ज़रा सी लापरवाही उन्हें कानूनी मुसीबत में डाल सकती है।