गौरेला-पेंड्रा-मरवाही

खनिज विभाग के उदासीनता के चलते शासन को हो रही करोड़ो के राजस्व के हानि…

◆ विभाग के सांठ गांठ के चलते अंतर्राज्यीय रेत माफियाओं के लिए स्वर्ग साबित हो रहा सोननदी…

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। दीपक गुप्ता : जिले के मरवाही खनिज विभाग की मेहरबानी और सांठगांठ से चलते अंतर्राज्यीय रेत माफियाओं के लिए मरवाही चारागाह बन चुका है।ज्ञात हो कि आदिवासी विकासखंड का अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र सोन नदी के पवित्र लहरों को स्पर्श करते हुए आदिवासी परंपरा और संस्कृति को आत्मसात करते हुए शांति पूर्ण तरीके से विकास की धारा को आत्मसात करते अनवरत सदियों से बहती आ रही है ।

किंतु जिस किसी बाहरी को यह आदिवासी क्षेत्र अतिथि देवो भवः बनाने का प्रयास करता है वही इस आदिवासी अंचल को दीमक की तरह चाटने में भिड़ जाता है जिसमे उनका साथ देता हैसंबंधित विभाग व उनके भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी। जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही प्रशासन द्वारा विकासखंड मरवाही में न तो किसी भी प्रकार रेत खदान आवंटित है न ही भंडारण स्थल।

इसके बावजूद खनिज विभाग के निरीक्षक और अधिकारीगण धड़ल्ले से सीना तान के रेत माफिया के साथ मिल कर रोजाना सैकड़ों ट्रक रेत मध्यप्रदेश की ओर सप्लाई कर शासन को लाखों करोड़ों का चूना लगा रहे हैं l
इस विषय पर कई बार खनिज निरीक्षक राजू यादव से फोन पर चर्चा कर अवैध रेत परिवहन के मामले से अवगत कराते बाकायदा रेत माफियाओं के नाम तक की जानकारी उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन खनिज विभाग कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहा है।

बड़ी बात यह है कि कुछ जागरूक ग्रामीणों के द्वारा
खनिज निरीक्षक राजू यादव व रेत माफियाओं के सांठ -गांठ की जानकारी नवपदस्थ खनिज अधिकारी महोदया सबीना मैडम को भी दी गई गई लेकिन नतीजा सिफर रहा।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की खनिज माफियाओं की पहुंच व धाक जिला प्रशासन में ऊपर तक है, जिसके चलते ही कार्यवाही करने के लिए जिला प्रशासन के हाथ पाँव फूलने लगे हैं।

ग्राम सेखवा से लेकर करगी कला ,पीपरडोल,कुम्हारी, चिचगोहना मनौरा,धनौरा लखनघाट चगेरी तक का सोन क्षेत्र बड़े पैमाने पर रेत माफिया अपने गुर्गों सहित सक्रिय हो कर प्रकृति का दोहन कर रहे हैं और इस अनैतिक कार्य में स्वयं खनिज विभाग का भरपूर साथ देना दुर्भाग्यजनक है।
छत्तीसगढ़ के मुखिया विष्णु देव साय ने विधानसभा में प्रधानमंत्री आवास हेतु परिवहन किए जाने वाले रेत को छूट प्रदान किए जाने की घोषणा की है किंतु खनिज निरीक्षक राजू यादव जी ने लगातार कमाल करतें हुए ऐसे आवास कार्य हेतु रेत परिवहन गाड़ियों पर भी धड़ाधड़ कार्यवाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

कुछ महीने पहले 22/01/2024 को यादव जी आवास हेतु परिवहन कर रहे गाड़ियों को तो पकड़ कर केस बना दिया लेकिन लोगो की निशानदेही पर कई अवैध रेत भंडारण मौके पर ले जा कर दिखाया गया जिसकी वीडियोग्राफी और फोटो भी लोगों द्वारा बनाई गई है किंतु यादव जी ने मित्रता निभाई और मित्र पर कैसा केस, कैसी कार्यवाही..? रेत माफिया बड़े चालाकी से रेत रॉयल्टी की पर्ची रतनपुर के रेत घाट का बनवाया जाता है जब रेत रॉयल्टी पर्ची रतनपुर का है तो सीधे एमपी सप्लाई करने में क्या दिक्कत है, उसका भंडारण मरवाही विकासखंड में कैसे, सब कुछ गोलमाल है।

सीधी बात है रेत उत्खनन तो मरवाही क्षेत्र से हो रहा है और रतनपुर की रेत रॉयल्टी पर्ची का सहारा लेकर सीधे शासन को करोड रुपए के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। खनिज विभाग के निरीक्षक और अधिकारीगण का मध्यप्रदेश और सीमावर्ती रेत माफियाओं से किस तरह क्षेत्र का दोहन हो रहा है आम जनों में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है।

रेत माफिया गिरोह पर कार्यवाही न होना निश्चित तौर पर आदिवासी क्षेत्र के लोगो के मनोबल और आत्मसम्मान पर ठेस है। अब देखने वाली बात है कि मामले पर अब भी उच्च अधिकारी मौन साधे रहते है या किसी प्रकार की कोई कार्यवाही अवैध रेत परिवहन करने वाले रेत माफिया पर हो पाती है।

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