रायगढ़

खनिज जांच चौकी टिमरलगा: भ्रष्टाचार का अड्डा, जहां नियमों की कीमत महज 500 रुपये…!

प्रभारी की मिलीभगत से बिना रॉयल्टी और ओवरलोड गाड़ियों की बेरोकटोक आवाजाही, सरकार को करोड़ों का चूना?...

सारंगढ़- बिलाईगढ़। खनिज संपदा से परिपूर्ण ग्राम पंचायत गुड़ेली-टिमरलगा इन दिनों अवैध खनिज परिवहन का गढ़ बन चुका है। यहां खनिज जांच चौकी केवल दिखावे की खानापूर्ति बनकर रह गई है, जबकि उसके पीछे दबंग ट्रांसपोर्टरों और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध व्यापार फल-फूल रहा है।

प्रत्येक दिन बिना रॉयल्टी और ओवरलोड रेत, गिट्टी, ईंट और पत्थर से लदी सैकड़ों गाड़ियाँ जांच चौकी से बेरोकटोक पार हो रही हैं, और खनिज विभाग का स्थानीय अमला या तो मौन है या इस अवैध कारोबार में प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त।

न जांच, न कार्रवाई -जांच चौकी बन चुकी है वसूली केंद्र : सूत्रों के अनुसार, जांच चौकी प्रभारी और कर्मचारियों द्वारा हर वाहन से 500 रुपये की अवैध वसूली की जाती है, जिसे “पर्ची” के माध्यम से सप्ताह या माह के अंत में हिसाब में लिया जाता है।

कुछ वाहन चालक मालिक का नाम लेकर सीधे पार हो जाते हैं, जबकि कुछ “पहचान” या सीधी सेटिंग से गाड़ी निकाल लेते हैं।

विडंबना यह है कि यह सारा तंत्र जांच चौकी में बैठे कर्मचारियों की जानकारी और सहमति से संचालित हो रहा है। अगर प्रभारी ईमानदार हो, तो एक भी ओवरलोड या बिना रॉयल्टी की गाड़ी पार नहीं हो सकती। लेकिन यहां स्थिति पूरी तरह विपरीत है।

वीडियो प्रमाण भेजे गए, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं : खनिज जांच चौकी पर सूत्र द्वारा ड्राइवर से पर्ची लेते हुए वीडियो बनाए गए हैं, जिन्हें एसडीएम प्रखर चंद्राकर, खनिज अधिकारी बजरंग पैकरा एवं दीपक पटेल को भेजा गया है। परंतु हैरानी की बात यह है कि इन स्पष्ट प्रमाणों के बावजूद अब तक किसी भी प्रकार की विभागीय कार्रवाई नहीं की गई।

क्या जांच चौकी पर बैठे अधिकारी इतने सक्षम हो गए हैं कि नियमों और शासन के आदेशों से ऊपर हो गए हैं?

सरकार को करोड़ों की क्षति, लेकिन ‘सिस्टम’ चुप : प्रत्येक दिन हो रहे इस संगठित खनिज तस्करी से राज्य को लाखों-करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है। लेकिन जिन अधिकारियों को इस पर रोक लगानी चाहिए, वे ही इस लूट में हिस्सेदार बन बैठे हैं। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक अक्षमता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि खनिज विभाग अब दलालों के इशारे पर काम कर रहा है।

जनता की मांग : उच्च स्तरीय जांच व तत्काल निलंबन – इस पूरे प्रकरण में जनता एवं सामाजिक संगठनों की ओर से निम्नलिखित मांगें की जा रही हैं:

  1. जांच चौकी के प्रभारी को तत्काल निलंबित किया जाए।
  2. CCTV फुटेज को जब्त कर निष्पक्ष जांच कराई जाए।
  3. खनिज विभाग में बैठे उच्च अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो।
  4. सरकार को हुए नुकसान की पूर्ति दोषियों से वसूल की जाए।

यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, जनता के भरोसे की हत्या है : अगर शासन और प्रशासन इस भ्रष्टाचार पर भी आंख मूंदे बैठा है, तो जनता को यह मान लेना चाहिए कि यह सारा सिस्टम अब माफिया के कब्जे में जा चुका है।

अब समय आ गया है कि जनता, मीडिया और जनप्रतिनिधि मिलकर इस संगठित लूट के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएं।

“न्याय तभी बचेगा जब दोषियों को दंड मिलेगा – वरना खनिज संपदा के साथ-साथ इस राज्य की साख भी बर्बाद हो जाएगी।”

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