छत्तीसगढ़

क्या CGPSC घोटाले पर जांच था केवल बीजेपी का चुनावी मुद्दा ?… CBI जांच शुरू होने पर सस्पेंस आज भी ;  बीजेपी ने 2 महीने पहले कहा- जांच शुरू; आयोग ने लिखा- कोई जांच अधिकारी नहीं आया…

रायपुर। आयोग के मुताबिक भर्ती परीक्षा 2021 की जांच के लिए किसी भी एजेंसी से कोई अधिकारी नहीं आया है। ना ही अब तक कोई दस्तावेज लिए गए। 14 जून को लोक सेवा आयोग की विज्ञप्ति से साफ पता चलता है कि जांच को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि बीजेपी के ऑफिशियल पेज पर 14 अप्रैल 2024 को ही ये पोस्ट किया गया है कि CGPSC की CBI जांच शुरू हो गई है।

साभार : दैनिक भास्कर

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा जमकर गूंजा था और BJP को युवाओं का समर्थन भी मिला। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी BJP ने इस बात का प्रचार जोर-शोर से किया कि CBI की जांच शुरू हो गई है और अब युवाओं को जल्द न्याय मिलेगा।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट तौर पर ये लिखा है कि राज्य सेवा परीक्षा 2021 में भर्ती की जांच के संबंध में किसी भी जांच एजेंसी से अधिकारी आयोग कार्यालय में ना ही उपस्थित हुए और ना ही इस संबंध में कोई भी दस्तावेज जब्त किए हैं। खबर प्रकाशित होने के बाद देर शाम CGPSC के अधिकारियों ने विज्ञप्ति जारी करके जांच शुरू ना होने की बात दोहराई। CGPSC ने जो विज्ञप्ति जारी किया, उसे हम प्रकाशित कर रहे हैं, ताकि जांच शुरू होने का विज्ञापन जारी करने औक बयान देने वालों तक यह बात पहुंचे।

25 अप्रैल को सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया एक्स में ट्वीट किया था, कि छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 में हुई अनियमितता की जांच CBI करेगी। सोशल मीडिया में सीएम साय ने केंद्र सरकार की ओर से विधिवत अधिसूचना जारी होने की बात कही गई थी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर 2023 को बिलासपुर में विधानसभा चुनाव की रैली के दौरान पीएससी स्कैम पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा था। पीएम ने पीएससी घोटाले का मुद्दा उठाया और दावा किया कि युवाओं के साथ बघेल सरकार ने बड़ा धोखा किया है। पीएम ने रैली के दौरान वादा किया था, कि भाजपा सरकार बनते ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सरकार ने CGPSC मामले में सीबीआई जांच पर सहमति देकर पत्र केंद्रीय मंत्रालय भेजा। इस पर 24 अप्रैल को सीबीआई जांच की अधिसूचना भी केंद्र सरकार ने जारी की। इसके बाद भी अब CGPSC अधिकारी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जांच एजेंसी के अधिकारी आयोग कार्यालय ना आने का दावा कर रहे है।

विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेता अमित शाह ने छत्तीसगढ़ बीजेपी का घोषणा पत्र जारी किया था। इस घोषणा पत्र में बीजेपी ने 40 से ज्यादा वादे किए थे। इन वादों में सीजीपीएससी में हुए कथित घोटाले की जांच कराने और पहले की तरह पारदर्शिता लाने की बात भी कही थी। प्रदेश में सरकार बनते ही बीजेपी नेताओं के निर्देश पर सीजीपीएससी के अफसरों और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन ये कार्रवाई कागजों में ही सीमित है।

CGPSC के खिलाफ CBI जांच शुरू होगी, ये बयान सबसे पहले बीजेपी नेता सुशांत शुक्ला ने सोशल मीडिया में जारी किया था। बीजेपी नेता शुक्ला ने अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से 4 जनवरी को इस बात की पुष्टि की थी। उन्होंने सीएम विष्णुदेव साय का आभार भी व्यक्त किया था। लेकिन CGPSC की ओर से जारी किया गया बयान बीजेपी नेताओं के बयानों को गलत बता रहा है।

14 अप्रैल को बीजेपी नेताओं ने विज्ञापन जारी करके CGPSC के खिलाफ जांच शुरू होने की बात कही थी। सोशल मीडिया में बने बीजेपी छत्तीसगढ़ पेज में इस विज्ञापन को बीजेपी आईटी सेल की टीम ने जारी किया था। इस विज्ञापन में ‘युवाओं को मिला न्याय, CGPSC घोटाले की शुरु हुई सीबीआई जांच’ लिखा था। इसके बाद भी सीजीपीएससी के अधिकारी जांच शुरू नहीं होने की बात दोहरा रहे है।

ओपी चौधरी जी के फेसबुक पेज से उठाई तस्वीर...

25 अप्रैल को सीजीपीएससी के खिलाफ राज्य सरकार की अनुशंसा पर CBI जांच का नोटिफिकेशन हुआ था। 26 अप्रैल को प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया पेज में आकर इस बात को दोहराया था। उन्होने कांग्रेस नेताओं को सोशल मीडिया में आड़े हाथ लिया था और पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा था।

EOW और पुलिस ने सीजीपीएससी में हुए कथित घोटाले के खिलाफ FIR दर्ज की है। लेकिन एफआईआर दर्ज करके आगे की जांच करना संबंधित विभाग के अधिकारी भूल गए है। हाईप्रोफाइल केस में अब तक ना तो किसी को पूछताछ के लिए बुलाया गया और ना ही इस मामले में गिरफ्तारी हुई है। कथित घोटाले के आरोपी खुले घूम रहे है, और मामले में जुगाड़ लगाकर खुद को बचाने का प्रयास कर रहे है।

Back to top button
error: Content is protected !!