अम्बिकापुर

“कोर्ट से बाहर निकलेगा या ताबूत में जाएगा!” सरगुजा न्यायालय परिसर में गवाह को सरेआम हत्या की धमकी – झारखंड के हत्या आरोपी ने दी खुलेआम चेतावनी!…

• न्यायपालिका की गरिमा पर हमला - छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में...

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ की न्याय व्यवस्था को शर्मसार करने वाली एक भयावह घटना सामने आई है। सरगुजा के न्यायालय परिसर में एक बुजुर्ग गवाह को हत्या की खुली धमकी दी गई। आरोपी कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि झारखंड की गढ़वा अदालत में हत्या के मामले में नामजद और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में कई गंभीर आपराधिक प्रकरणों में वांछित धर्मवीर सिंह उर्फ छोटू है।

पीड़ित संतोष चौहान (उम्र 61 वर्ष, निवासी केदरपुर, अंबिकापुर) ने अंबिकापुर पुलिस अधीक्षक को सौंपे आवेदन में यह सनसनीखेज खुलासा किया है कि 18 जुलाई को न्यायालय में उपस्थित होने के दौरान आरोपी ने उन्हें जान से मारने की सीधी धमकी दी।

“मास्टरवा, अब तुझे गोली मारनी ही पड़ेगी!” न्यायालय परिसर में मौजूद आरोपी ने पीड़ित को घेरते हुए कहा –

“तू बचकर नहीं जाएगा, या तो कोर्ट से बाहर निकलेगा या ताबूत में जाएगा।”

इस भयावह धमकी के बाद संतोष चौहान ने स्वयं को बेहद असुरक्षित महसूस करते हुए न्यायालय से अपनी जान बचाकर बाहर निकलने की कोशिश की। आरोपी ने यह भी कहा कि यदि वह जेल गया तो गवाही देने वाले को पहले मरवा देगा।

प्रशासन और पुलिस की चुप्पी भी उतनी ही अपराधी है :

  • संतोष चौहान ने पूर्व में भी आरोपी के विरुद्ध शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिनमें से एक शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (शिकायत क्रमांक: PMOPG/2024/0087755) के माध्यम से भेजी गई थी।
  • बलरामपुर एसपी द्वारा आरोपी का शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद आरोपी न सिर्फ खुलेआम घूम रहा है, बल्कि न्यायालय जैसे पवित्र स्थल को भी भय और हिंसा का अड्डा बना चुका है।

धर्मवीर सिंह का आपराधिक इतिहास :

  • झारखंड के गढ़वा में हत्या का नामजद अभियुक्त
  • बलरामपुर (छत्तीसगढ़) में ठगी, धमकी, शस्त्र अधिनियम और जानलेवा हमले के मामलों में संलिप्त
  • कई बार शिकायतों के बावजूद अब तक गिरफ्तारी नहीं

न्यायालय परिसर बना अपराधियों की रणभूमि : संतोष चौहान ने बताया कि आरोपी कोर्ट गेट के बाहर अपने चार गुर्गों के साथ पहले से मौजूद था। जैसे ही वह न्यायालय से बाहर निकले, उन्हें घेरकर धमकाया गया। यह घटना CCTV कैमरों में दर्ज हो सकती है, लेकिन प्रशासन अब तक मौन है।

गवाहों की हत्या का इंतजार कर रही है व्यवस्था? संतोष चौहान का कहना है –

“यदि मुझे सुरक्षा नहीं दी गई, तो मेरी हत्या के लिए छत्तीसगढ़ प्रशासन जिम्मेदार होगा। मैं न्याय के लिए लड़ रहा हूँ, लेकिन अब मुझे अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ रही है।”

संतोष चौहान की प्रमुख माँगें :

  1. आरोपी धर्मवीर सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की जाए।
  2. न्यायालय परिसर में सशस्त्र सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  3. धमकी की घटना का FIR दर्ज कर IPC 506, 307 और अन्य सुसंगत धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया जाए।
  4. पीड़ित और उनके परिजनों को तत्काल सुरक्षा प्रदान की जाए।
  5. CCTV फुटेज सार्वजनिक किया जाए।

छत्तीसगढ़ की जनता पूछ रही है –

  • क्या अब न्यायालय में गवाही देना जान जोखिम में डालने जैसा है?
  • क्या छत्तीसगढ़ की अदालतें अब माफियाओं का नया अड्डा बन गई हैं?
  • क्या पुलिस-प्रशासन को लहूलुहान गवाह चाहिए, तभी वे जागेंगे?

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