जशपुर

कोरबा हार की समीक्षा बैठक,कुछ मंत्रियों की हो सकती है रवानगी, अमर सहित चार नए चेहरे आ सकते है साय मंत्रिमंडल में…

लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ के बेहतरीन परिणाम से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व खुलकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पीठ थपथपा रहा है।इस बेहतर परिणाम से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपना कद बढ़ाने में सफल हो गए है, विष्णुदेव साय की रणनीति से दिग्गज कांग्रेसी इस चुनाव में फेल हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू, कवासी लखमा, शिव डहरिया जैसे नेताओं को भी जनता ने नकार दिया।मुख्यमंत्री की सभाओं में हर जगह जनता बड़ी संख्या में उपस्थित भी होती थी।ओड़िसा में भी मुख्यमंत्री साय ने जिस क्षेत्र में रैली व सभा की थी वहां भाजपा की जीत हुई।आज ओड़िसा में भी भाजपा की सरकार बनी।हाईकमान ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर खुलकर भरोसा किया जिसको मुख्यमंत्री ने साबित भी किया।

नाराज हाईकमान कर सकता है कई मंत्रियों की छूट्टी : लोकसभा के शानदार नतीजों के बाद अब साय कैबिनेट का विस्तार होने की चर्चा जोरों पर है। कोरबा जैसी सीट हारने से दिल्ली हाईकमान नाराज चल रहा हैं पार्टी को ग्यारह में ग्यारह सीट जितने का भरोसा था जिसके चलते कोरबा संसदीय सीट से दो मंत्रियों लखन लाल देवांगन और श्याम बिहारी जायसवाल का नाम सामने आ ही रहा है इनके साथ ही लक्ष्मी रजवाड़े, टंकराम वर्मा सहित रामविचार नेताम को भी हटाए जाने की चर्चा हैं।

इसके साथ ही डिप्टी सीएम अरुण साव के विधानसभा क्षेत्र की भी चर्चा जोरों पर है। इस लोकसभा के चुनाव में कइयों का खेल खराब हो सकता है। कितना भी बड़ा हो हवा में उड़ने वाले को ठीक करने में संगठन समय नही लगाता।कोरबा से भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे की करारी हार के जिम्मेदार भी इन सभी को माना जा रहा है। डिप्टी सीएम कोरबा के प्रभारी मंत्री भी है।कही न कही संगठन व सत्ता का तालमेल बैठालने में साव कमजोर साबित हुए है।बिलासपुर में बढ़ते अपराध, उच्च न्यायालय में शासकीय वकीलों की नियुक्ति में भी अंदर ही अंदर संघ व पार्टी के नेता नाखुश बताये जाते है। पीडब्ल्यूडी व नगर निगम जैसे बड़े विभाग को सम्हाल पाने में भी कमजोर साबित हो रहे है।

सड़क निर्माण की बात को लेकर उच्च न्यायालय ने भी सरकार व सिस्टम को लेकर टिप्पणी भी की थी। आने वाले निकाय चुनाव में अमर अग्रवाल जैसे तजुर्बे वाले नेता को लाना पार्टी के लिए ज्यादा हितकारी साबित होगा। कुल मिलाकर प्रदेश में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आने वाले समय मे साय मंत्रिमंडल में अमर अग्रवाल का आना तय है।साथ ही उनको जीएसटी,नगरीय निकाय व स्वास्थ्य जैसे बड़े विभाग भी मिल सकते है। वित्त विभाग मुख्यमंत्री अपने पास रख सकते है। अब आने वाले समय ने किसका पावर घटेगा यह सब बहुत जल्द नजर आएगा।

संगठन की आज एक बैठक राजधानी में भी चल रही है।छत्तीसगढ़ के प्रभारी नबीन नितिन भी आज इसी बैठक में सम्मिलित होने पहुँचे है। इस बैठक में पार्टी के बड़े नेताओं के भी शामिल होने की चर्चा है।कोरबा सीट की हार को लेकर चर्चा होनी है, साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी कुछ पैमाने तय किये जाने की चर्चा है।

मंत्रिमंडल में बृजमोहन अग्रवाल की जगह एक और मन्त्री की होगी एंट्री : इधर बृजमोहन अग्रवाल के संसद चुने जाने से उनकी भी सीट खाली होने वाली है, और पहले से एक मंत्रिमंडल में एक सीट खाली है। अगर हाईकमान तीन मंत्रियों की छूट्टी करता है तो पांच नए मंत्री साय मंत्रिमंडल में आ सकते है।वैसे बस्तर संभाग से लता उसेंडी दुर्ग संभाग से यादव या चंद्राकर को भी जगह मिल सकती है। बिलासपुर लोकसभा से क्लस्टर प्रभारी रहे अमर अग्रवाल की मेहनत से अच्छा परिणाम भी सामने आया हैं। बिलासपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू की जीत की बढ़त से अमर अग्रवाल को मंत्री बनाना तय माना जा रहा है,एक बड़ी जीत मिलने से केंद्र की मोदी सरकार में तोखन साहू को राज्य मंत्री का पद भी मिला। वही नए विधायक पुरंदर मिश्रा को भी मंत्री बनाया जा सकता है। इसके साथ ही सरगुजा से भी एक महिला मंत्री बनने की भी बात सुनने में आ रही है।साय सरकार में अब आगे बहुत कुछ होने की बात सामने आ रही है।

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