जशपुर

कुनकुरी में धर्मांतरण की आग पर सियासत की चिंगारी ! हॉली क्रॉस कॉलेज की प्राचार्या पर लगा आरोप बना सांप्रदायिक टकराव का केंद्र…

कुनकुरी। शांत पहाड़ियों और सौम्य संस्कृति के लिए पहचाने जाने वाले कुनकुरी में इन दिनों गहरी उथल-पुथल मची हुई है। हॉली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या सिस्टर बिंसी जोसेफ पर धर्मांतरण के आरोप ने न सिर्फ शिक्षा जगत को झकझोर दिया है, बल्कि इसने कुनकुरी को एक सियासी और सांप्रदायिक रणभूमि में तब्दील कर दिया है।

कॉलेज की एक गैर-ईसाई छात्रा ने प्राचार्या पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाने और इंकार करने पर मानसिक उत्पीड़न का सनसनीखेज आरोप लगाया। इस आरोप के बाद 10 अप्रैल को हिंदू संगठनों ने कुनकुरी की सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए आक्रोश रैली निकाली, जिसमें प्राचार्या को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग जोर-शोर से उठी।

ईसाई संगठन ने किया पलटवार: ‘षड्यंत्र के तहत बदनाम की जा रही है प्राचार्या’ : इस प्रकरण ने नया मोड़ तब लिया जब ईसाई आदिवासी महासभा, छत्तीसगढ़ ने इसे एक सुनियोजित साजिश बताते हुए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। महासभा ने कहा, “यह धर्मांतरण का नहीं, बल्कि एक मेहनती और अनुशासित शिक्षिका को झुकाने की साजिश है।”

महासभा के अनुसार, जिस छात्रा ने आरोप लगाए हैं उसकी कक्षा में उपस्थिति 75% से कम थी, और वह दो प्रमुख आंतरिक परीक्षाओं में अनुपस्थित रही। जब प्राचार्या ने अधूरे असाइनमेंट्स पर हस्ताक्षर से इनकार किया तो छात्रा ने प्रतिशोध में कलेक्टर और एसपी को झूठी शिकायत दी।

डिपाटोली से जय स्तंभ तक ‘क्रॉस-मोर्चा’, प्रशासन को सौंपी गई मांगों की सूची : ईसाई महासभा ने बाबा साहब अंबेडकर जयंती के दिन हजारों की संख्या में लोगों को इकट्ठा कर आक्रोश जताया। रैली में शामिल भीड़ “झूठ के खिलाफ न्याय की मांग”, “प्राचार्या को न्याय दो”, जैसे नारों से आसमान गूंजा। महासचिव अभिनंद खलखो ने एसडीएम नंद जी पांडे को ज्ञापन सौंपते हुए कहा, “हम न सिर्फ छात्रा पर FIR की मांग करते हैं, बल्कि उन मीडिया संस्थानों और संगठनों की भी जांच चाहते हैं जो बिना तथ्यों के ज़हर फैला रहे हैं।”

मीडिया की भूमिका पर सवाल: ‘TRP की भूख या किसी एजेंडे का हिस्सा?’ : महासभा ने तीखे शब्दों में मीडिया पर भी हमला बोला — “कुछ मीडिया हाउस और सोशल मीडिया पेजों ने इस पूरे मुद्दे को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है, मानो वे पहले से ही एक निष्कर्ष पर पहुंच चुके थे। एकतरफा खबरें चला कर वे समाज को बांटने और आग भड़काने का काम कर रहे हैं।”

प्रशासन हाई-अलर्ट पर, कुनकुरी बना बारूद का ढेर : स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुनकुरी प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। पुलिस बल तैनात किया गया है और दोनों पक्षों की हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखी जा रही है। जिले के शीर्ष अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

सवालों के घेरे में सच : धर्मांतरण या अनुशासनात्मक कार्रवाई? – इस पूरे मामले में अब सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या वाकई यह धर्मांतरण का मामला है या फिर यह एक कठोर अनुशासन वाली शिक्षिका को झुकाने की एक सोची-समझी चाल? क्या छात्रा का आरोप सत्य है या यह एक बड़ा सामाजिक-राजनीतिक खेल?

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