“उपराष्ट्रपति धनखड़ का इस्तीफा : पर्दे के पीछे ‘दिल्ली की बड़ी पटकथा’ का आगाज़?…”
• संजय राउत बोले- ये महज़ स्वास्थ्य कारण नहीं, सत्ता के गलियारों में बड़ी उथल-पुथल की आहट!...

दिल्ली। सोमवार को एक “संवैधानिक भूचाल” आया – उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वजह बताई गई “स्वास्थ्य कारण”, लेकिन विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषकों की नज़र में ये कारण महज़ एक परदा है, जिसके पीछे कुछ बहुत बड़ा राजनीतिक खेल पक रहा है।
शिवसेना (UBT) के तेजतर्रार सांसद संजय राउत ने इस घटनाक्रम को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा,
“उपराष्ट्रपति का इस्तीफा कोई सामान्य घटना नहीं है। वे बिल्कुल स्वस्थ हैं, खुशमिजाज और जुझारू व्यक्ति हैं। ऐसे मैदान छोड़ने वाले नहीं। पर्दे के पीछे कुछ बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है, जो जल्द सामने आएगी।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं धनखड़ को सोमवार को दिनभर देखा, “कोई बीमारी या कमजोरी नजर नहीं आई।” फिर सवाल ये उठता है –
क्या ये इस्तीफा किसी गहरे राजनीतिक दबाव का परिणाम है?
या फिर केंद्र की राजनीति में कोई ‘बड़ी सर्जरी’ होने वाली है?
मॉनसून सत्र के पहले ही दिन इस्तीफा या सिर्फ संयोग? –
सवालों की गूंज और तेज तब हो गई जब पता चला कि ये इस्तीफा संसद के मॉनसून सत्र के पहले ही दिन सामने आया। शिवसेना नेता आनंद दुबे ने कहा:
“अगर स्वास्थ्य वाकई कारण होता, तो इस्तीफा कुछ दिन पहले या बाद में भी दिया जा सकता था। सत्र के दिन यह कदम अत्यंत असामान्य और संदेश देने वाला है।”
उन्होंने ये भी जोड़ा कि –
“सरकार की कार्यशैली अब अपारदर्शी होती जा रही है। बड़े फैसले बिना किसी चर्चा और सलाह के लिए जा रहे हैं।”
क्या सितंबर में कुछ बड़ा होने वाला है? – संजय राउत ने बेहद इशारों भरी बात करते हुए कहा,
“सितंबर में कुछ ज़रूर होगा…!”
उनका ये वाक्य राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर गया है। क्या केंद्रीय नेतृत्व में बड़ा फेरबदल आने वाला है? क्या राष्ट्रपति चुनाव या सत्ता संतुलन का कोई बड़ा अध्याय खुलने वाला है?
धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ एक संवैधानिक औपचारिकता नहीं, यह सत्ता के गलियारों में “बदलाव की दस्तक” हो सकती है। जिस तरह से विपक्ष इस पर संदेह जता रहा है, वो बताता है कि दिल्ली में कुछ बहुत गहरा पक रहा है — एक ऐसा राजनीतिक तूफान, जिसकी शुरुआत शायद इसी इस्तीफे से हो रही है।
- क्या ये इस्तीफा किसी नए ‘संघर्ष’ की भूमिका है?
- क्या दिल्ली की सत्ता के शीर्ष पर कुछ बदलने वाला है?
- और क्या जगदीप धनखड़ वाकई सिर्फ बीमार हैं… या सियासत की शतरंज में अगली चाल चल चुके हैं?
जनता पूछ रही है – सच क्या है?
और जवाब अभी भी पर्दे के पीछे है…