आदिवासी विकास विभाग के टेंडर घोटाले की छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में हो सकती है गूंज…
◆ आदिवासी विकास विभाग के टेंडर घोटाले को मैनेज करने वाले मास्टरमाइंड बाबू का ऑडियो वायरल होने से विभाग की खुली पोल…
◆ एक शिकायतकर्ता हुआ सरेंडर, दूसरा शिकायतकर्ता कार्यवाही की मांग को लेकर अडिग…
◆ सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के अध्यक्ष मनीष सिंह धुर्वे ने की थी दोषियों पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत मामला दर्ज करने की मांग…
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। दीपक गुप्ता : जिले के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय में हुए एक करोड़ 18 लाख के टेंडर घोटाले को मैनेज करने वाले मास्टरमाइंड बाबू एवं मुख्य शिकायतकर्ता का ऑडियो वायरल होने से आदिवासी विकास विभाग की पोल खुल गई है। वायरल ऑडियो से पता चल रहा है कि जिले के आदिवासी विकास विभाग में भारी गड़बड़झाला चल रहा है तथा यहां नियुक्तियों से लेकर निर्माण कार्यों में नियमों को तक में रखकर आदिवासी विभाग के पैसे की बंदरबांट की जा रही है। इस मामले में जांच के लिए संयुक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी ने भी ठेकेदारनूमा नेताओं के दबाव जांच में लीपापोती की है जिससे मामला ठंड बस्ते में चला गया। अब छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में इस मामले को उठाएं जाने की तैयारी चल रही है।
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में आदिवासियों के विकास के लिए आई राशि का सरकारी अधिकारी कर्मचारी एवं ठेकेदारों द्वारा की गई बंदरबांट करने की शिकायत की गई थी। उक्त शिकायत के सामने आने के बाद से नाराज सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग गौरेला पेंड्रा मरवाही ने कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही को ज्ञापन सौंप कर दोषी अधिकारी कर्मचारी एवं ठेकेदारों पर जांच कर कार्यवाही करने की मांग की थि। सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग ने कलेक्टर को अप्रैल 2024 में सौंपे ज्ञापन में अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि दोषियों पर 15 दिन के अंदर कार्यवाही नहीं हुई तो सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय एवं कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी थी। युवा प्रभाग सर्व आदिवासी समाज ने घोटाले में दोषी लोगों पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के तहत कार्यवाही करने की मांग की थी । सर्व आदिवासी समाज के घेराव के अल्टीमेटम के बाद कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही श्रीमती लीना कमलेश मंडावी नेजांच समिति का गठन संयुक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में किया था। घोटाले की जांच के लिए बनी समिति प्रारंभ से ही विवाद में रही। इस समिति में ऐसे अधिकारियों को शामिल किया गया जो सेवानिवृत होने वाले थे तथा जांच समिति को जिले के ठेकेदार नमा नेता प्रभावित करते रहे तथा विभिन्न माध्यमों से शिकायतकर्ताओं को शिकायत वापस लेने तथा जांच से संतुष्ट होने के लिए दबाव बनाते रहे।
इस बीच पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड बाबू एवं एक अन्य मुख्य शिकायतकर्ता का ऑडियो वायरल हुआ जिससे पूरे जिले में आदिवासी विकास विभाग द्वारा किए जा रहे नियुक्तियां एवं निर्माण तथा पैसों के लेनदेन एवं मैनेजमेंट की पोल खुल गई परंतु इसके बावजूद भी मास्टरमाइंड बाबू शासन प्रशासन के अधिकारियों का प्रिय बना रहा तथा दोषी बाबू को बचाने के लिए ठेकेदार नुमा नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी जबकि लोकसभा चुनाव के समय सामने आए इस घोटाले को लेकर जिम्मेदार वरिष्ठ भाजपा नेता लगातार भाजपा के मंत्रियों एवं विधायकों की जानकारी में यह मामला लाते रहे इसके बावजूद दोषी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब एक बार फिर जब छत्तीसगढ़ का विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ होने वाला है इस मामले को विधानसभा के मानसून सत्र में उठाए जाने की तैयारी चल रही है तथा मानसून सत्र में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही में एक करोड़ 18 लाख के टेंडर घोटाले के मामले की गूंज सुनाई दे सकती है।
क्या है आदिवासी विकास विभाग का एक करोड़ 18 लाख का टेंडर घोटाला?क्यों है नाराज आदिवासी समाज का युवा प्रभाग???…
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग में हुए एक करोड़ 18 लाख के टेंडर घोटाला के संबंध में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार कांग्रेसी शासन काल में 17 अगस्त 2023 को आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा आदिवासी विकास गौरेला पेंड्रा मरवाही को विभिन्न विकास कार्यों के लिए एक करोड़ 18 लख रुपए की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसमें अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में छत मरम्मत फिलिंगकार्य एवं फेंसिंग लगाने हेतु 12 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में बाउंड्री वॉल मरम्मत इंटरलॉकिंग ब्लॉक लगाने का कार्य नाली निर्माण 19.99 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में दरवाजा खिड़की मैग्नेट चैनल गेट लगाने एवं मरम्मत का कार्य प्रोफाइल सीट लगाने 19.99 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीडा परिषद गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में बाउंड्री वालों का अनुरक्षण कार्य 15 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक पीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में फ्लोरिंग कार्य टॉप ग्रेडिंग का कार्य 5.11 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में छात्रावास में बिजली कार्य 12.74 लाख, अनुसूचित जनजाति बालक क्रीड़ा परिसर गुरुकुल विद्यालय पेंड्रा रोड में जिमनास्टिक हाल गुरुकुल के विद्युतीकरण का कार्य 13.45 लाख इस तरह कुल मिलाकर एक करोड़ 18 लाख 27 हजार के कार्य टेंडर प्रक्रिया का पालन करते हुए कराए जाने का निर्देश दिया गया था परंतु इतने बड़े टेंडर में भ्रष्टाचार फर्जीवाड़ा एवं अनियमितता की जानकारी मिलने पर कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग गौरेला पेंड्रा मरवाही को सूचना के अधिकार के तहत 15 जनवरी 2024 को जानकारी मांगी गई थी। कलेक्टर आदिवासी विकास विभाग जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही द्वारा 21 फरवरी 2024 को जो जानकारी मिली उसे यह पूरा मामला अपने आप उजागर हो गया तब इस मामले की शिकायत बीते 16 मार्च 2024 को इस मामले की शिकायत गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एवं आदिवासी विकास विभाग के मंत्री राम विचार नेताम को की गई थी। शिकायत है कि एक करोड़ 18 लाख 27 हजार के टेंडर में निविदा प्रकाशन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया तथा सूचना के अधिकार में भ्रामक जानकारी प्रदान की गई निविदा को सीजी प्रोक्योरमेंट साइट पर नहीं डाला गया। इन सब के पीछे सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग गौरेला पेंड्रा मरवाही की मंशा अपने पसंदीदा ठेकेदारों से सांठ गांठ कर घोटाले को अंजाम दिया गया।