“अकलतरा का स्विमिंग पूल या मौत का कुंआ? – जनता की जान से हो रहा है खुला खिलवाड़, कब जागेगा प्रशासन?…

अकलतरा : यह कोई सामान्य लापरवाही नहीं, बल्कि प्रशासनिक अपराध है! नगर पालिका अकलतरा का इकलौता स्विमिंग पूल इस समय गर्मी से राहत नहीं, बल्कि मौत का न्योता बन चुका है। अंदर गंदगी, बाहर लापरवाही और ऊपर से ज़िम्मेदारों की चुप्पी!
🧫 गंदगी की दलदल में डूबता सिस्टम : स्विमिंग पूल के भीतर तले में कीचड़, काई और कंकड़-पत्थर जमा हैं। कई तैराकों के पैर कट चुके हैं, लोग फिसलकर घायल हो रहे हैं। सफाई का कोई नियमित या वैज्ञानिक इंतजाम नहीं किया गया है। यह पूल अब बीमारियों और दुर्घटनाओं का अड्डा बन चुका है।
☣️ पानी में ज़हर घोल रहा है प्रशासन :स्विमिंग पूल के पानी में बिना किसी वैज्ञानिक मापदंड के अत्यधिक मात्रा में केमिकल डाले जा रहे हैं। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है:
- आंखों में जलन
- त्वचा में खुजली व एलर्जी
- झुलसन और संक्रमण
क्या यह स्विमिंग पूल है या रासायनिक टैंक?
🆘 सुरक्षा के नाम पर शून्य व्यवस्था :
- न तो कोई प्रशिक्षित लाइफ गार्ड तैनात है
- न लाइफ जैकेट उपलब्ध हैं
- न इमरजेंसी अलार्म सिस्टम
- न प्राथमिक उपचार की कोई व्यवस्था
यदि कोई तैराक डूबता है तो उसे बचाने के लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है। यह सीधी-सीधी जानलेवा लापरवाही है।
🔥 जनता की मांग, प्रशासन की परीक्षा – RM24 न्यूज़ की चार बड़ी माँगें :
- स्विमिंग पूल की तत्काल मशीनरी से सफाई करवाई जाए
- केमिकल का वैज्ञानिक और संतुलित उपयोग सुनिश्चित किया जाए
- प्रशिक्षित एवं सतर्क लाइफ गार्ड की तैनाती अनिवार्य की जाए
- प्रतिदिन निरीक्षण हेतु निगरानी टीम गठित की जाए
🚨 यह लापरवाही नहीं, आपराधिक उदासीनता है
CMO श्री संजय सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रोहित दीप्ति सारथी एवं SDM श्री विक्रांत आंचल से सवाल पूछा जाना चाहिए – क्या वे किसी बच्चे की लाश निकलने के बाद जागेंगे? या फिर जनहित से जुड़ी जिम्मेदारियों को कागजों में दफन करने का ही इरादा है?